संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने की 'हरी दीवाली' मनाने की मांग, पटाखों पर पूरी तरह बैन की अपील
राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने हरी दिवाली मनाने की अपील करते हुए पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की बात कही। उन्होंने कहा कि पटाखे हमारी दिवाली का हिस्सा नहीं हैं। उन्होंने गुरु नानक देव जी के संदेश का उल्लेख करते हुए कहा कि त्योहारों को प्रकृति के साथ मनाना चाहिए। संत सीचेवाल ने पंजाब के पर्यावरण को बचाने के लिए वृक्षारोपण की आवश्यकता पर जोर दिया।
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राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने “हरी दिवाली” मनाने की अपील की (फाइल फोटो)
संवाद सूत्र, शाहकोट/मलसिया। राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने “हरी दिवाली” मनाने की अपील की है और कहा है कि पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। उनका मानना है कि पटाखे हमारी परंपरागत दिवाली का हिस्सा नहीं हैं। एक प्रेस बयान में संत सीचेवाल ने बताया कि पंजाब का पर्यावरण अत्यंत खराब स्थिति में पहुंच चुका है।
शहरों की हवा अब सांस लेने योग्य नहीं रही। उन्होंने गुरु नानक देव जी के संदेश का उल्लेख करते हुए कहा कि हमें त्योहारों को प्रकृति के साथ संतुलन में मनाना चाहिए। दिवाली खुशियों का पर्व है, इसे पटाखों के धुएं और शोर से दूषित नहीं करना चाहिए। संत सीचेवाल ने ऐतिहासिक संदर्भ देते हुए कहा कि श्री गुरु हरगोबिंद साहिब जी ने दिवाली के दिन 52 राजाओं को रिहा किया था और संगत ने खुशी में दीये जलाए थे।
इसी प्रकार, श्रीराम जी की अयोध्या वापसी पर भी दीपमाला सजाई गई थी। उन्होंने कहा कि इतिहास में पटाखों के शोर का कोई उल्लेख नहीं है। संत सीचेवाल ने बताया कि पटाखों से वायु और ध्वनि प्रदूषण बढ़ता है, जिससे बच्चों की आंखों की रोशनी भी जा सकती है। उन्होंने पंजाब के पर्यावरण को बचाने के लिए वृक्षारोपण की आवश्यकता पर जोर दिया और किसानों से पारंपरिक फसल चक्र से हटकर बागवानी की ओर लौटने की अपील की।
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