US Immigration: धोखेबाज ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ हजारों केस दर्ज, एक को भी नहीं हुई सजा; धड़ल्ले से चला रहे धंधा
पंजाब में अवैध ट्रैवल एजेंटों का धंधा बेरोकटोक जारी है। पिछले चार वर्षों में धोखाधड़ी के लगभग 2500 केस दर्ज हुए लेकिन एक भी ट्रैवल एजेंट को सजा नहीं हुई। पीड़ितों को अपनी जमीन बेचनी पड़ी उनपर लाखों रुपये का कर्ज चढ़ गया और कुछ परिवारों को तो अपने बच्चे तक खोने पड़े हैं। भारी संख्या में एजेंटों के खिलाफ केस दर्ज है।

दिनेश कुमार, जालंधर। धन कमाने के लिए विदेश जाने का सपना देखने वाले पंजाब के हजारों युवाओं व उनके परिवारों से अवैध ट्रैवल एजेंट अरबों रुपये हड़प चुके हैं। परिवारों को अपनी जमीन बेचनी पड़ी, उनपर लाखों रुपये का कर्ज चढ़ गया और कुछ परिवारों को तो अपने बच्चे तक खोने पड़े हैं।
इतना सब होने पर भी अवैध ट्रैवल एजेंटों पर कार्रवाई के नाम पर पिछले चार वर्षों में लगभग 2500 केस तो दर्ज हुए पर इन धोखेबाजों को सजा होने की दर लगभग शून्य है।
जालंधर, पटियाला, अमृतसर, तरनतारन, लुधियाना, बठिंडा, रूपनगर, गुरदासपुर सहित पंजाब के कई जिलों में एक भी ऐसा मामला सामने नहीं आया है, जिसमें किसी फर्जी ट्रैवल एजेंट को सजा हुई हो। जो केस दर्ज भी हुए, उनमें से बहुत से किसी न किसी कारण एक वर्ष के भीतर रद हो गए।
धोखाधड़ी के लगभग 1000 केस दर्ज किए गए
वर्षों बीत जाने के बाद भी बहुत से केसों में या तो अभी जांच चल रही है या वे अदालतों में विचाराधीन हैं। बहुत से मामलों में ट्रैवल एजेंटों व पीड़ितों में समझौता हो गया है और केस रद हो गए। कुल मिलाकर अवैध ट्रैवल एजेंटों का धंधा बिना रोक-टोक धड़ल्ले से जारी है और पुलिस, प्रशासन व सरकार उनके सामने असहाय है।
जालंधर जिले में पिछले चार वर्ष में ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ धोखाधड़ी के लगभग 1000 केस दर्ज किए गए। इनमें से लगभग 800 केस अदालतों में विचाराधीन हैं।
150 से अधिक मामलों में ट्रैवल एजेंटों व पीड़ितों के बीच समझौता हो गया और वे रद हो गए। कुछ केसों में अब भी जांच चल रही है। पिछले चार वर्ष में ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है, जिसमें आरोपित ट्रैवल एजेंट को सजा हुई हो।
अदालत से बरी हो गया आरोपित
वहीं, लुधियाना में पिछले दो वर्ष में ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ 305 केस दर्ज किए गए हैं। 85 प्रतिशत मामलों में अदालत से बाहर ही ट्रैवल एजेंटों व पीड़ितों में समझौता हो गया। दो वर्ष में किसी ट्रैवल एजेंट को सजा नहीं हुई है।
बठिंडा में चार वर्ष में अवैध ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ धोखाधड़ी व मानव तस्करी की धाराओं में 98 केस दर्ज हुए। इनमें से 52 केस अदालतों में विचाराधीन हैं। 34 केस रद हो गए जबकि 10 की जांच चल रही है। यहां भी चार वर्ष में एक भी ट्रैवल एजेंट को सजा नहीं हुई, बल्कि एक आरोपित अदालत से बरी हो गया।
धोखाधड़ी करने वाले एजेंटों के खिलाफ 735 केस दर्ज
पटियाला में पिछले दो वर्षों में 137 केस दर्ज हुए। इनमें से 122 की जांच जारी है। आरोपित 221 ट्रैवल एजेंटों को सजा नहीं हो पाई। आठ केस रद हो गए। यही स्थिति रूपनगर जिले में भी है। चार वर्ष में 125 केस दर्ज किए गए। इनमें से 61 मामलों की जांच अब भी चल रही है जबकि 53 केस अदालत में विचाराधीन हैं।
10 केस रद किए जा चुके हैं। एक मामले में आरोपित बरी हो चुका है। अमृतसर में चार वर्ष में धोखाधड़ी करने वाले एजेंटों के खिलाफ 735 केस दर्ज किए गए। वर्ष 2021 में 166, वर्ष 2022 में 130, वर्ष 2023 में 208 व 2024 में 231 केस दर्ज किए गए।
चार वर्ष में दर्ज इन केसों में से अधिकतर मामले अदालतों में विचाराधीन हैं। एक भी मामले में आरोपित ट्रैवल एजेंट को सजा नहीं हुई है। छह महीने में कबूतरबाजी के 30 मामलों में 18 लोगों को पुलिस क्लीन चिट दे चुकी है। जालंधर के ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर संदीप शर्मा का कहना है कि धोखाधड़ी करने वाले ट्रैवल एजेंट के खिलाफ केस दर्ज कर कार्रवाई की जाती है।
कई मामलों में उन्हें गिरफ्तार भी किया गया है। केस दर्ज होने के बाद कुछ लोग ऐसे एजेंटों से समझौता कर अदालत में अपने बयान से पलट जाते हैं। इस कारण पुलिस को कई बार समस्या का सामना करना पड़ता है। कई बार केस रद हो जाते हैं। पुलिस अपने स्तर पर पूरा प्रयास करती है कि धोखाधड़ी करने वाले ट्रैवल एजेंटों को सजा दिलवाई जाए।
जालंधर में 1700 ट्रैवल एजेंट के पास लाइसेंस
पंजाब में अवैध ट्रैवल एजेंटों की संख्या तीन गुना पंजाब में अवैध ट्रैवल एजेंटों की संख्या मान्यता प्राप्त ट्रैवल एजेंटों की तुलना में तीन गुना है। जालंधर में 1700 ट्रैवल एजेंट हैं जिनके पास लाइसेंस हैं। इनके विपरीत 3500 से अधिक ट्रैवल एजेंट अवैध ढंग से इस धंधे में लिप्त हैं।
अमृतसर में प्रशासन के रिकॉर्ड में 827 ट्रैवल एजेंट हैं जबकि जिले में 2000 से अधिक ट्रैवल एजेंट काम कर रहे हैं। इनमें से बड़ी संख्या में ट्रैवल एजेंटों का लाइसेंस वर्षों पहले समाप्त हो चुके हैं पर इन पर कोई कार्रवाई नहीं होती।
धोखाधड़ी, मानव तस्करी में सात से दस वर्ष की सजा अवैध ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ धोखाधड़ी, मानव तस्करी व इमीग्रेशन एक्ट में केस दर्ज किया जाता है। धोखाधड़ी के मामले में सात वर्ष की कैद जबकि मानव तस्करी के मामले में भारतीय न्याय संहिता में सात से दस वर्ष की सजा का प्रविधान है।
लेनदेन का नहीं होता है कोई रिकॉर्ड
ट्रैवल एजेंटों से लेनदेन का कोई रिकार्ड नहीं होता, इसलिए अदालत में केस नहीं टिक पाते जालंधर के सीनियर एडवोकेट विनय शर्मा कहते हैं कि पीड़ित के पास ट्रैवल एजेंट से किए लेनदेन का कोई रिकार्ड नहीं होता है। लेनदेन की बात अदालत में साबित नहीं हो पाती है।
इन मामलों की जांच लंबी चलती है, इस बीच अवैध ट्रैवल एजेंट अपना दफ्तर व कंपनी का नाम बदल लेते हैं। इससे जांच लटकी रहती है और केस लंबा खिंचता है। तीसरा कारण यह है कि जब मामला लंबा चलता है तो पीड़ित परेशान होता है और इसका लाभ ट्रैवल एजेंट उठाते हैं।
वे पीड़ितों को कुछ पैसा लौटाने का प्रलोभन देकर समझौता कर शिकायत वापस करवा लेते हैं। कुछ मामलों में कुछ रुपये वापस लेकर पीड़ित फिर अदालत नहीं जाते और केस रद हो जाता है।
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