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    बाढ़ पीड़ितों के लिए संत सीचेवाल की अनूठी पहल, ब्यास नदी में उतारा रक्षक बेड़ा

    Updated: Thu, 04 Sep 2025 07:31 PM (IST)

    राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए एक बड़ा बेड़ा ब्यास नदी में उतारा है। इस बेड़े में कंबाइन ट्रैक्टर और लगभग तीन दर्जन पशुओं को एक साथ ले जाया जा सकता है। संत सीचेवाल ने बाढ़ पीड़ितों से बात करने के बाद इसे बनाने का फैसला किया। इस बेड़े को बनाने में तीन दिन लगे।

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    संत सीचेवाल ने बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए बड़ा बेड़ा ब्यास नदी में उतार दिया है (फोटो: जागरण)

    संवाद सहयोगी, सुल्तानपुर लोधी। धरती से जुड़े पर्यावरण प्रेमी और राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने मंड क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित लोगों की परेशानियों का हल निकालने के लिए बड़ा बेड़ा ब्यास नदी की लहरों पर उतार दिया है।

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    आज सुबह संत सीचेवाल ने मंड के बाढ़ग्रस्त इलाके में इस विशाल बेड़े को पानी में उतारा। इसकी क्षमता इतनी है कि इसमें कंबाइन, ट्रैक्टर और करीब तीन दर्जन पशुओं को एक साथ ढोया जा सकता है।

    बाढ़ पीड़ितों के साथ कई दिनों तक बातचीत करने के बाद संत सीचेवाल ने बड़ा बेड़ा बनाने का निर्णय लिया था। इसे हकीकत का रूप संत अवतार सिंह यादगारी तकनीकी अनुसंधान केंद्र के मिस्त्रियों ने दिया, जिन्होंने तीन दिन और तीन रातें लगातार काम कर इसे तैयार किया।

    34 फुट लंबे और 13 फुट चौड़े इस बेड़े को तैयार करने वाले मिस्त्री वरिंदर सिंह ने बताया कि उन्होंने सहित कुल 6 मिस्त्रियों ने इसे पूरा किया। आकार में बड़ा होने के बावजूद इसमें ऐसा सामान इस्तेमाल हुआ है जो हल्का भी है और मजबूत भी। इस बेड़े को चलाने के लिए पेट्रोल इंजन लगाया जा सकता है।

    मंड क्षेत्र के ब्यास नदी के पानी में बेड़ा उतारने से पहले “सर्बत दा भला” की अरदास की गई। मौके पर किसानों से कहा गया कि वे जो भारी सामान सुरक्षित स्थानों तक ले जाना चाहते हैं, उसकी जानकारी दे दें ताकि उनके पशु और खेती के बड़े औजार बाहर निकाले जा सकें।

    सांगरा गांव के किसान नेता कुलदीप सिंह और बाऊपुर के सरपंच परमजीत सिंह ने राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल का धन्यवाद करते हुए कहा कि इस बड़े बेड़े की मंड क्षेत्र को बेहद ज़रूरत थी। यहां पहले से 2 बेड़े मौजूद हैं, लेकिन वे तीन गांवों और दर्जनों डेरों में रहने वाले किसानों की ज़रूरत पूरी नहीं कर पा रहे थे।

    इन दोनों नेताओं ने किसानों से अपील की कि वे अपने पशु और भारी सामान सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाने के लिए पहले ही सूचना दे दें ताकि ढुलाई का काम सही ढंग से किया जा सके।

    पर्यावरण प्रेमी संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने न केवल इलाके की सड़कों का निर्माण कराया बल्कि 25 साल की सेवा से पवित्र वेईं नदी को निर्मल धारा में बदल दिया। इस दौरान उन्होंने कई ऐसे अनोखे कार्य किए जो सड़कों के निर्माण और गंदे पानी की समस्या का स्थायी समाधान बन गए।

    सड़कों का निर्माण करते समय उन्होंने ट्रालियों को रेत से भरने के लिए लोहे का ऐसा रैंप तैयार कराया जिससे श्रम कम लगा और ट्राली तेज़ी से भर जाती थी।

    इसी तरह, वेईं नदी की कारसेवा के दौरान गंदे पानी के निकास के लिए “सीचेवाल मॉडल” तैयार किया गया था। अब कुछ ही दिनों में उन्होंने बाढ़ पीड़ितों के लिए “बड़ा बेड़ा” बनवाकर पीड़ितों की सेवा की दिशा में बड़ी पहल की है।

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