कपूरथला में हिरासत में युवक की संदिग्ध मौत, परिजनों का मारपीट का आरोप पर क्या बोली पुलिस?
कपूरथला के सुल्तानपुर लोधी में पुलिस हिरासत में एक युवक की संदिग्ध मौत हो गई। परिजनों ने पुलिस पर मारपीट का आरोप लगाते हुए अस्पताल के बाहर प्रदर्शन किया। पुलिस ने आरोपों को नकारते हुए नशे की ओवरडोज को मौत का कारण बताया है। मृतक की पहचान वीरपाल सिंह के रूप में हुई है, जिसे सरपंच के बेटे की मौत के मामले में हिरासत में लिया गया था। परिजनों ने न्याय मिलने तक अंतिम संस्कार न करने की बात कही है।
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पुलिस हिरासत में युवक की मौत (फोटो: जागरण)
जागरण संवाददाता, सुल्तानपुर लोधी\कपूरथला। थाना सुल्तानपुर लोधी में पुलिस की हिरासत में युवक की संदिग्ध हालत में मौत हो गई। शनिवार को पुलिस युवक को सिविल अस्पताल सुल्तानपुर लोधी लेकर आई थी। डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। युवक की मौत से भड़के स्वजनों व गांववासियों ने सिविल अस्पताल के बाहर धरना लगा दिया पुलिस व सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
स्वजनों का आरोप है कि पुलिस हिरासत में युवक के साथ मारपीट की गई। आरोप लगाया कि शुक्रवार रात ग्राम पंचायत के सदस्य भी उसकी पिटाई में शामिल थे। उधर, कपूरथला पुलिस ने आरोपों से इनकार करते हुए आरोप लगाया है कि युवक की मौत नशीली दवाओं के ओवरडोज के कारण हुई है। मृतक की पहचान वीरपाल सिंह (25) पुत्र गुरमेल सिंह निवासी गांव मसीतां के तौर पर हुई है।
जानकारी के अनुसार बीते दिनों कपूरथला के समीपवर्ती गांव मसीतां में कथित नशे की ओवरडोज से सरपंच के बेटे की मौत हुई थी। शव श्मशान घाट से बरामद हुआ था जिसकी पहचान सरपंच हरमेश सिंह गोरा के इकलौते बेटे सुखजिंदर सिंह (25) के रूप में हुई। परिजनों ने युवक की हत्या का शक जताया था तथा थाना सुल्तानपुर लोधी में शिकायत दी गई थी।
पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर कुछ संदिग्ध युवकों को हिरासत में लिया जिनमें से एक युवक वीरपाल सिंह की शनिवार को मौत हो गई। शव को अस्पताल सुल्तानपुर लोधी के शवगृह में रखवा दिया गया है।
मृतक के ताया मलकीत सिंह ने आरोप लगाया कि परिवार ने वीरपाल सिंह को शुक्रवार को पुलिस के सामने पेश किया। रात में उसकी हत्या कर दी गई। पुलिस ने उसकी पिटाई की और पंचायत के सदस्य भी यहां मौजूद थे। पुलिस ने हमें यह बताने के लिए फोन किया कि हमारा लड़का अस्पताल में है।
वीरपाल के भाई राहुल ने दावा किया कि उन्हें भी उनके साथ हिरासत में लिया गया था। आरोप लगाया कि उसके भाई को शक के आधार पर लाया गया था। दोपहर और पूरी रात उसकी पिटाई की गई और उसके बाद उसे चिट्टा पिलाने की कोशिश की। उसे सरपंच के बेटे की मौत के मामले में लाया गया था। सरपंच के बेटे की इंजेक्शन लेने के बाद मौत हो गई, जिसके बाद हमें उसे ढूंढने के लिए बुलाया गया।
उन्होंने हमें उस मामले में फंसा दिया है। रात में पंचायत के सदस्य भी एक कार में आए। उन्होंने हमें पीटा। जब उसके भाई की मौत हुई तो पुलिस ने उसे चिट्टा पिलाने की कोशिश की। वीरपाल की मां और गांव की अन्य महिलाओं व बुज़ुर्गों ने कहा जब तक न्याय नहीं मिल जाता, वह शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।
एसएसपी गौरव तूरा ने कहा कि युवक की मौत नशे के ओवरडोज के कारण हुई। उसके ख़िलाफ़ पहले से ही एनडीपीएस एक्ट की धारा 27 के तहत मामला दर्ज है। ग्रामीणों ने खुद उसे पुलिस के हवाले किया, जिसके बाद उसे एहतियातन हिरासत में ले लिया गया। घटना के समय वह कानूनी तौर पर हिरासत में था। रात में उसकी तबीयत बिगड़ गई।
सुबह अस्पताल में उसकी जांच की गई और उसे मृत घोषित कर दिया गया। सभी पुलिस थानों में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। न्यायिक मजिस्ट्रेट के पास एक अर्जी दी गई है। हिरासत के मामलों में प्रोटोकाल के अनुसार न्यायिक जांच की जाती है। रिपोर्ट में जो भी निष्कर्ष निकलेगा, हम उसके अनुसार आगे बढ़ेंगे। एसएसपी ने कहा कि वीरपाल को सरपंच के बेटे के संदिग्ध नशे के ओवरडोज मामले में लाया गया था। ग्रामीण खुद उसे लेकर आए और आरोप लगाया कि वीरपाल गांव में नशा बेच रहा है।

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