लुधियाना में 'जहरीली धुंध' का चौथा दिन, आंखों में जलन और सीने में घुटन के साथ जी रहे लोग
लुधियाना शहर में प्रदूषण की वजह से लगातार चौथे दिन धुंध छाई रही। दृश्यता कम होने से लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है। स्वास्थ्य विभाग ने एडवाइजरी जारी कर लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी है। मौसम विभाग के अनुसार, हवा की गति बढ़ने या बारिश होने पर ही धुंध से राहत मिल सकती है।

लुधियाना शहर में प्रदूषण की वजह से लगातार चौथे दिन धुंध छाई रही (प्रतीकात्मक फोटो)
जागरण संवाददाता, लुधियाना। अत्याधिक प्रदूषण की मार झेल रही पंजाब की औद्योगिकी नगरी में सोमवार को भी स्माग की चपेट में रही। सुबह आठ बजे तक जहां स्माग की वजह से दृश्यता काफी कम रही, वहीं इसके बाद भी पूरा दिन शहर स्माग की मोटी परत से ढका रहा।
सुबह से ही आसमान में धुंध और प्रदूषण इतना अधिक था कि सूर्य की किरणे भी धरती तक सही तरह से नहीं पहुंच पा रही थी। स्माग के चलते धूप का प्रभाव भी कम दिखा। उधर, शाम ढलते ही स्थिति और बिगड़ गई।
हवा में लगातार बढ़ रहे प्रदूषण के जहर के चलते अस्पतालों, नर्सिंग होम में सांस लेने में दिक्कत, खांसी, आंखों में जलन व रक्तचाप बढ़ने की शिकायतों के साथ मरीजों की भीड़ बढ़ गई है।
इनमें ज्यादातर बच्चे, बुजुर्ग व गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीज शामिल है। दूसरी तरफ जिले के स्वास्थ्य विभाग ने भी शहर में आबो हवा की बिगड़ी स्थित को लेकर एडवाइजरी जारी कर दी है।
जिले के स्वास्थ्य विभाग ने माना कि पराली जलने से वायु प्रदूषण में बढ़ोतरी हुई है। सिविल सर्जन डा रमनदीप कौर ने चेतावनी दी है कि वायु प्रदूषण से गंभीर स्वास्थ्य खतरे बढ़ रहे हैं और सभी निवासियों को सुरक्षा उपाय अपनाने की अपील की है।
उन्होंने शहर के लोगों से अपील की कि वे सरकारी ऐप्स और वेबसाइटों के माध्यम से वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) को नियमित रूप से जांचते रहें। जब वायु गुणवत्ता खराब या अत्यंत खराब हो, विशेषकर सुबह और शाम के समय, तो बाहरी शारीरिक गतिविधियों से बचें।
अस्थमा या हृदय रोग से पीड़ित व्यक्ति यथासंभव घर के अंदर रहें और अपनी दवाइयां अपने पास रखें। धुंध के समय घरों के दरवाज़े और खिड़कियां बंद रखें और आवश्यकता पड़ने पर ही घर में वेंटिलेशन करें।
कचरा, पत्ते या अन्य कोई भी सामग्री न जलाएं और खाना पकाने या हीटिंग के लिए केवल स्वच्छ ईंधन का प्रयोग करें। आंखों को बार-बार धोएं, गुनगुने पानी से गरारे करें, पौष्टिक आहार लें और पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं।
यदि मास्क पहनना आवश्यक हो, तो केवल प्रमाणित N95 या N99 मास्क का उपयोग करें, क्योंकि कपड़े या कागज़ के मास्क प्रदूषण से सुरक्षा नहीं देते। यदि सांस लेने में तकलीफ़, तेज़ खांसी या सीने में दर्द महसूस हो, तो तुरंत चिकित्सकीय सहायता लें।
दूसरी तरफ पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विभाग की प्रमुख डा. पवनीत किंगरा ने कहा कि शहर में लगातार चार दिनों से स्माग छाई हुई है। स्माग से तभी राहत मिल सकती है, जब पांच से छह किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चले। इस रफ्तार से अगर हवा चलती है, तो कई दिनों से आसमान में एक जगह पर नजर आ रही स्माग की मूवमेंट होगी।
अभी हवा की रफ्तार 2.4 किलाेमीटर प्रति घंटा है। जबकि रविवार को रफ्तार 1.1 किलोमीटर प्रति घंटा था। हव की इतनी कम रफ्तार में प्रदूषक कण एक ही जगह स्थिर स्थिति में रहते हैं।
दूसरा अगर वर्षा होती है तो हवा में तैर रही स्माग जमीन पर आ जाएगी। लेकिन फिलहाल शहर में दो से तीन दिनों के दौरान वर्षा की संभावना नहीं है। हालांकि, पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने से गुरदासपुर, पठानकोट, अमृतसर, होशियारपुर, कपूरिला, जालंधर व रूपनगर में आज और कल हल्की वर्षा की संभावना है।

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