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    Punjab News: मोगा में पिस्तौल, कारतूस और हैंड ग्रेनेड के साथ पकड़े गए 3 आरोपी बरी, पुलिस पर हमले का किया था प्रयास 

    By Prem Kumar Sharma Edited By: Suprabha Saxena
    Updated: Thu, 09 Oct 2025 03:59 PM (IST)

    मोगा अदालत ने तीन पिस्तौल व कारतूस और हैंड ग्रेनेड के साथ पकड़े गए तीन युवकों को तीन साल कैद की सजा सुनाई है, जबकि तीन अन्य को बरी कर दिया। सीआईए स्टाफ मोगा ने 2022 में नाकाबंदी के दौरान इन्हें गिरफ्तार किया था। आरोपियों में से कुछ ने पुलिस पर हमला करने की कोशिश की थी। सबूतों के आधार पर अदालत ने फैसला सुनाया।

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    अदालक ने तीन आरोपियों को किया बरी

    संवाद सहयोगी, मोगा। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश बिशन सरूप की अदालत ने तीन पिस्तौल व कारतूसों तथा हैंड ग्रेनेड के साथ गिरफ्तार तीन युवकों को तीन-तीन साल कैद व जुर्माना तथा तीन को बरी करने का फैसला सुनाया है। जबकि दो आरोपित विदेश में होने के चलते अभी पुलिस गिरफ्त से बाहर है।

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    अभियोजन पक्ष अनुसार सीआईए स्टाफ मोगा ने 6 जनवरी 2022 को मैहना चुगांवा लिंक रोड पर ड्रेन के पास नाकाबंदी की हुई थी। इस दौरान काले रंग की गाड़ी को बैरिकेड्स के सहारे रोका गया। उसमें सवार तीन युवकों में से दो युवकों ने पुलिस पर पिस्तौल तान लिया जबकि एक ने हैंड ग्रेनेड से पुलिस पर हमला करने का प्रयास किया। लेकिन पुलिस ने सतर्कता से उन्हें काबू कर लिया।

    काबू किए एक युवक ने अपनी पहचान गुरप्रीत सिंह पुत्र जरनैल सिंह निवासी शादी वाला बताई। उससे दो पिस्तौल तथा कारतूस बरामद हुए। दूसरे ने अपनी पहचान बलजीत सिंह पुत्र बलजिंदर सिंह वासी फतेह गढ़ पंजतूर बताई। उससे दो हैंड ग्रेनेड बरामद हुए।तीसरे ने अपनी पहचान वरिंदर सिंह उर्फ विंदा पुत्र जसविंदर सिंह वासी मखू बताई। उससे एक पिस्तौल तथा कारतूस बरामद हुए।पुलिस ने तीनों युवकों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ आर्म्स एक्ट समेत अन्य धाराओं तहत केस दर्ज कर लिया।पुलिस जांच में 16 जनवरी को केस दर्ज कर अर्शदीप सिंह पुत्र मुख्तियार सिंह वासी फतेह गढ़ पंजतूर तथा अर्शदीप सिंह डाला वासी कनाडा को नामजद किया। 

    इसके उपरांत 18 मई को अन्य केस दर्ज कर अमनदीप कुमार, सुनील उर्फ भलवान, सागर उर्फ विन्नी को भी नामजद कर लिया था। अदालत ने साक्ष्यों एवं गवाहों के बयान के मद्देनजर गुरप्रीत सिंह, बलजीत सिंह तथा वरिंदर को तीन-तीन साल कैद व दो-दो हजार रुपये जुर्माना किया। जबकि अर्शदीप, अमनदीप, सुनील व सागर को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया।