मुक्तसर में मौसम ने फोड़ा 'बीमारी बम', बुखार-खांसी और टायफाइड का ट्रिपल अटैक; रोज OPD में आ रहे 600 से ज्यादा मरीज
मौसम में बदलाव के कारण बुखार, खांसी, जुकाम और टायफाइड के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। सिविल अस्पताल की ओपीडी में 600 से ज़्यादा मरीज आ रहे हैं, जिनमें बच्चे और बुजुर्ग ज़्यादा प्रभावित हैं। डॉक्टरों ने खान-पान का ध्यान रखने, पौष्टिक आहार लेने और मौसम के अनुसार कपड़े पहनने की सलाह दी है। डेंगू के मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है, जिसके लिए स्वास्थ्य विभाग की टीमें सर्वे कर रही हैं।

मौसम में हो रहे परिवर्तन से बुखार, खांसी, जुकाम, टायफाइड के मरीज बढ़े (प्रतीकात्मक फोटो)
जागरण संवाददाता, श्री मुक्तसर साहिब। मौसम में बदलाव के चलते खांसी, बुखार, जुकाम, टायफाइड, पेट में इंफेक्शन, वायरल आदि केस बढ़ने से सिविल अस्पताल की ओपीडी 600 के पार हो गई है।
जहां सिविल में इन मरीजों की ओपीडी 150 के पार है। वहीं सिविल अस्पताल में इससे पीड़ित करीब 20 मरीज भर्ती हैं। वायरल बीमारियों के मरीजों की जहां सिविल अस्पताल में भीड़ देखने को मिल रही है। वहीं निजी अस्पतालों में भी भारी संख्या में लोग इलाज के लिए पहुंच रहे हैं।
अक्टूबर के आखिरी दिनों में सर्दी ने अपना अहसास कराना शुरू कर दिया है। हालांकि दोपहर के समय अभी भी गर्मी का असर देखने को मिल रहा है। मौसम के बदलाव के कारण लोगों को मौसमी बीमारी जकड़ रही है।
साथ ही पिछले दो-तीन दिनों से रात के समय व सुबह कोहरे की स्थिति बनने लगी है। लोगों को ठंड से बचने के गर्म कपड़ों का सहारा लेना पड़ रहा है। वही मौसम के बदलते मिजाज ने सिविल अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ा दी है।
उधर,बदलते मौसम में डाक्टर सलाह दे रहे हैं कि खान-पान का ध्यान रखें, पौष्टिक और विटामिन सी युक्त आहार लें, पर्याप्त पानी पिएं और मौसम के अनुसार गर्म कपड़े पहनें। इसके अलावा नियमित हाथ धोएं।
प्रतिदिन ओपीडी में इलाज कराने वालों की भीड़ देखी जा सकती है। इनमें बच्चों व बुजुर्गों की संख्या अधिक देखने को मिल रही है। इस समय सबसे अधिक मरीज वायरल बुखार, सर्दी-जुकाम, खांसी के आ रहे है। 
सिविल अस्पताल के एसएमओ डॉ. राजीव सचदेवा ने बताया कि इस समय मौसम के बदलाव के कारण मरीजों की संख्या बढ़ी है। इसमें सबसे ज्यादा मरीज वायरल फीवर के आ रहे है।
बीमारी फैलने का मुख्य कारण मौसम का परिवर्तन होना हैं। गांव में स्वच्छता की कमी होने के कारण वहां पर मरीजों की संख्या अधिक देखने को मिल रही है। यहीं स्थिति स्कूली बच्चों की भी है।
पिछले दिनों से जिले के गांवों व शहरी क्षेत्र में डेंगू के संभावित मरीज मिलने से स्वास्थ्य विभाग का मैदानी अमला सर्वे कार्य में लगा हुआ था। जिले में डेंगू के मरीजों की संख्या 100 के पास पहुंच गई है।
ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की टीमें लगातार डेंगू का लारवा चेक करने में भी लगी हुई हैं। एपिडिमोलाजिस्ट डा. हरकीर्तन सिंह ने बताया कि डेंगू की रोकथाम के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। वहीं लोगों को भी बचाव के लिए जागरूक किया जा रहा है।
 मौसम के अनुसार कपड़े पहनें: ठंड से बचाव के लिए गर्म कपड़े पहनें और शरीर को ढक कर रखें।
हाथ धोते रहें: संक्रमण फैलने से रोकने के लिए नियमित रूप से हाथ धोएं।
फ्लू का टीका लगवाएं: फ्लू होने की संभावना कम करने के लिए फ्लू का टीका लगवा सकते हैं।
आराम करें: अगर आप बीमार महसूस कर रहे हैं तो आराम करें और अपनी बाडी को खुद से ठीक होने दें।
डॉक्टर की सलाह लें: यदि आपके लक्षण खराब होते हैं, जैसे कि उल्टी होना, सांस लेने में तकलीफ, या बुखार जो ठीक नहीं हो रहा है, तो तुरंत डाक्टर से मिलें। 
ध्यान दें-
 सर्दी, जुकाम, बुखार जैसी सामान्य बीमारियों को नजरअंदाज न करें।
 खांसी और सांस फूलने जैसी समस्याओं के लिए डाक्टर की सलाह जरूर लें।
 हृदय, ब्लड प्रेशर या अस्थमा जैसी पुरानी बीमारियों वाले लोगों को बदलते मौसम में अधिक सावधान रहने की आवश्यकता है।

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