पराली या पटाखे? पंजाब की दमघोंटू हवा में सांस लेना मुश्किल, जालंधर सबसे ज्यादा प्रदूषित
पंजाब में पराली और पटाखों के कारण वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुँच गया है, जिससे सांस लेना मुश्किल हो गया है। जालंधर सबसे अधिक प्रदूषित शहर है, जहाँ AQI 400 के पार है। अन्य शहरों में भी हवा की गुणवत्ता खराब है। डॉक्टरों ने लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी है और सरकार प्रदूषण कम करने के प्रयास कर रही है।

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जागरण संवाददाता, पटियाला। पंजाब में पराली जलाने के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है। राज्य में कुल आंकड़ा 621 तक पहुंच गया है।
राज्य के पर्यावरण विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, तरनतारन में सबसे ज्यादा 175 और अमृतसर में 135 मामले दर्ज किए गए हैं। ताजा आंकड़ों के अनुसार जालंधर में अधिकतम एक्यूआइ 439 रहा, जिससे यह राज्य का सबसे प्रदूषित शहर बन गया है। पराली जलाने के बढ़ते मामलों के साथ राज्य के विभिन्न शहरों में वायु गुणवत्ता गिरने लगी है।
दीपावली से ही कई शहरों की हवा बेहद खराब श्रेणी में पहुंच चुकी है। बठिंडा का एक्यूआइ 321, लुधियाना का 260, अमृतसर का 257, पटियाला का 195 रहा। हालांकि, बीते वर्ष की तुलना में इस बार पराली जलाने के केसों में करीब 65 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। पिछले वर्ष 25 अक्तूबर तक राज्य में 1749 मामले दर्ज हुए थे।
हरियाणा के पांच शहर रेड जोन में
गेहूं की बोआई शुरू होते ही किसानों द्वारा धान की फसल के अवशेष जलाने की घटनाओं ने हरियाणा में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ा दिया है। रविवार को अंबाला का एक्यूआइ 421 दर्ज किया गया। वहीं, बहादुरगढ़ (371), धारूहेड़ा (376), बल्लभगढ़ (306) और मानेसर (322) एक्यूआइ के साथ रेड जोन में हैं। प्रदेश के 16 अन्य शहर येलो जोन में हैं।

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