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    Dev Uthani Ekadashi 2025: भगवान विष्णु की पूजा के समय करें इन शक्तिशाली मंत्रों का जप, दूर हो जाएंगे सभी संकट

    Updated: Fri, 31 Oct 2025 07:00 PM (IST)

    कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु योगनिद्रा से जागृत होते हैं, जिसे देवउठनी एकादशी कहते हैं। इस साल यह 1 नवंबर को है। इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा और व्रत करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं। लक्ष्मी नारायण को प्रसन्न करने के लिए देवउठनी एकादशी पर भगवान नृसिंह के नामों का जप करना चाहिए।

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    Dev Uthani Ekadashi 2025: भगवान विष्णु को कैसे प्रसन्न करें?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर जगत के पालनहार भगवान विष्णु योगनिद्रा से जागृत होते हैं। ऐसा मत है कि भगवान विष्णु आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी से लेकर कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि तक क्षीरसागर में विश्राम करते हैं। इस अवधि को चातुर्मास कहते हैं। वहीं, चातुर्मास के दौरान सृष्टि का संचालन देवों के देव महादेव करते हैं।

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    इस साल शनिवार 01 नवंबर को देवउठनी एकादशी है। इस शुभ अवसर पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। साथ ही एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। अगर आप भी लक्ष्मी नारायण जी को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो देवउठनी एकादशी के दिन पूजा के समय भगवान नृसिंह के नामों का जप करें।


    भगवान नृसिंह के 108 नाम

    1. ॐ नरसिंहाय नमः
    2. ॐ नराय नमः
    3. ॐ नारस्रष्ट्रे नमः
    4. ॐ नारायणाय नमः
    5. ॐ नवाय नमः
    6. ॐ नवेतराय नमः
    7. ॐ नरपतये नमः
    8. ॐ नरात्मने नमः
    9. ॐ नरचोदनाय नमः
    10. ॐ नखभिन्नस्वर्णशय्याय नमः
    11. ॐ नखदंष्ट्राविभीषणाय नमः
    12. ॐ नादभीतदिशानागाय नमः
    13. ॐ नन्तव्याय नमः
    14. ॐ नखरायुधाय नमः
    15. ॐ नादनिर्भिन्नपाद्माण्डाय नमः
    16. ॐ नयनाग्निहुतासुराय नमः
    17. ॐ नटत्केसरसञ्जातवातविक्षिप्तवारिदाय नमः
    18. ॐ नलिनीशसहस्राभाय नमः
    19. ॐ नतब्रह्मादिदेवताय नमः
    20. ॐ नभोविश्वम्भराभ्यन्तर्व्यापिदुर्वीक्ष्यविग्रहाय नमः
    21. ॐ निश्श्वासवातसंरम्भ घूर्णमानपयोनिधये नमः
    22. ॐ निर्द्रयाङ्घ्रियुगन्यासदलितक्ष्माहिमस्तकाय नमः
    23. ॐ निजसंरम्भसन्त्रप्तब्रह्मरुद्रादिदेवताय नमः
    24. ॐ निर्दम्भभक्तिमद्रक्षोडिम्भनीतशमोदयाय नमः
    25. ॐ नाकपालादिविनुताय नमः
    26. ॐ नाकिलोककृतप्रियाय नमः
    27. ॐ नाकिशत्रूदरान्त्रादिमालाभूषितकन्धराय नमः
    28. ॐ नाकेशासिकृतत्रासदंष्ट्राभाधूततामसाय नमः
    29. ॐ नाकमर्त्यातलापूर्णनादनिश्शेषितद्विपाय नमः
    30. ॐ नामविद्राविताशेषभूतरक्षःपिशाचकाय नमः
    31. ॐ नामनिश्श्रेणिकारूढ निजलोकनिजप्रजाय नमः
    32. ॐ नालीकनाभाय नमः
    33. ॐ नागारिमध्याय नमः
    34. ॐ नागाधिराड्भुजाय नमः
    35. ॐ नगेन्द्रधीराय नमः
    36. ॐ नेत्रान्तस्ख्सलदग्निकणच्छटाय नमः
    37. ॐ नारीदुरापदाय नमः
    38. ॐ नानालोकभीकरविग्रहाय नमः
    39. ॐ निस्तारितात्मीय सन्धाय नमः
    40. ॐ निजैकज्ञेय वैभवाय नमः
    41. ॐ निर्व्याजभक्तप्रह्लाद परिपालन तत्पराय नमः
    42. ॐ निर्वाणदायिने नमः
    43. ॐ निर्व्याजभक्तैकप्राप्यतत्पदाय नमः
    44. ॐ निर्ह्रादमयनिर्घातदलितासुरराड्बलाय नमः
    45. ॐ निजप्रतापमार्ताण्डखद्योतीकृतभास्कराय नमः
    46. ॐ निरीक्षणक्षतज्योतिर्ग्रहतारोडुमण्डलाय नमः
    47. ॐ निष्प्रपञ्चबृहद्भानुज्वालारुणनिरीक्षणाय नमः
    48. ॐ नखाग्रलग्नारिवक्ष्ससृतरक्तारुणाम्बराय नमः
    49. ॐ निश्शेषरौद्रनीरन्ध्राय नमः
    50. ॐ नक्षत्राच्छादितक्षमाय नमः
    51. ॐ निर्णिद्र रक्तोत्पलाय नमः
    52. ॐ निरमित्राय नमः
    53. ॐ निराहवाय नमः
    54. ॐ निराकुलीकृतसुराय नमः
    55. ॐ निर्णिमेयाय नमः
    56. ॐ निरीश्वराय नमः
    57. ॐ निरुद्धदशदिग्भागाय नमः
    58. ॐ निरस्ताखिलकल्मषाय नमः
    59. ॐ निगमाद्रि गुहामध्यनिर्णिद्राद्भुत केसरिणे नमः
    60. ॐ निजानन्दाब्धिनिर्मग्नाय नमः
    61. ॐ निराकाशाय नमः
    62. ॐ निरामयाय नमः
    63. ॐ निरहङ्कारविबुधचित्तकानन गोचराय नमः
    64. ॐ नित्याय नमः
    65. ॐ निष्कारणाय नमः
    66. ॐ नेत्रे नमः
    67. ॐ निरवद्यगुणोदधये नमः
    68. ॐ निदानाय नमः
    69. ॐ निस्तमश्शक्तये नमः
    70. ॐ नित्यतृप्ताय नमः
    71. ॐ निराश्रयाय नमः
    72. ॐ निष्प्रपञ्चाय नमः
    73. ॐ निरालोकाय नमः
    74. ॐ निखिलप्रतिभासकाय नमः
    75. ॐ निरूढज्ञानिसचिवाय नमः
    76. ॐ निजावनकृताकृतये नमः
    77. ॐ निखिलायुधनिर्घातभुजानीकशताद्भुताय नमः
    78. ॐ निशितासिज्ज्वलज्जिह्वाय नमः
    79. ॐ निबद्धभृकुटीमुखाय नमः
    80. ॐ नगेन्द्रकन्दरव्यात्त वक्त्राय नमः
    81. ॐ नम्रेतरश्रुतये नमः
    82. ॐ निशाकरकराङ्कूर गौरसारतनूरुहाय नमः
    83. ॐ नाथहीनजनत्राणाय नमः
    84. ॐ नारदादिसमीडिताय नमः
    85. ॐ नारान्तराय नमः
    86. ॐ नारचित्तये नमः
    87. ॐ नाराज्ञेयाय नमः
    88. ॐ नरोत्तमाय नमः
    89. ॐ नरात्मने नमः
    90. ॐ नरलोकांशाय नमः
    91. ॐ नरनारायणाय नमः
    92. ॐ नभसे नमः
    93. ॐ नतलोकपरित्राणनिष्णाताय नमः
    94. ॐ नयकोविदाय नमः
    95. ॐ निगमागमशाखाग्र प्रवालचरणाम्बुजाय नमः
    96. ॐ नित्यसिद्धाय नमः
    97. ॐ नित्यजयिने नमः
    98. ॐ नित्यपूज्याय नमः
    99. ॐ निजप्रभाय नमः
    100. ॐ निष्कृष्टवेदतात्पर्यभूमये नमः
    101. ॐ निर्णीततत्त्वकाय नमः
    102. ॐ नित्यानपायिलक्ष्मीकाय नमः
    103. ॐ निश्श्रेयसमयाकृतये नमः
    104. ॐ निगमश्रीमहामालाय नमः
    105. ॐ निर्दग्धत्रिपुरप्रियाय नमः
    106. ॐ निर्मुक्तशेषाहियशसे नमः
    107. ॐ निर्द्वन्दाय नमः
    108. ॐ निष्कलाय नमः
    109. ॐ नरिणे नमः

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