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    Parivartini Ekadashi पर भूलकर भी न करें तुलसी से जुड़ी ये गलतियां, जीवन में आ सकती है समस्या

    Updated: Tue, 02 Sep 2025 10:46 AM (IST)

    धार्मिक मान्यता के अनुसार तुलसी में मां लक्ष्मी का वास माना गया है। एकादशी (Parivartini Ekadashi 2025) के दिन इस पौधे की पूजा-अर्चना करने का विशेष महत्व है। साथ ही तुलसी (Tulsi Ke Niyam) से जुड़े नियम का पालन करना चाहिए। ऐसा न करने से साधक को जीवन में कई तरह का समस्याओं सामना करना पड़ सकता है।

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    Tulsi Ke Niyam: तुलसी से जुड़ी इन बातों का रखें ध्यान

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह में इस बार परिवर्तिनी एकादशी व्रत 03 सितंबर (Parivartini Ekadashi 2025 Date) को किया जाएगा। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करने से साधक को सभी पापों से छुटकारा मिलता है और श्रीहरि की कृपा प्राप्त होती है। साथ ही तुलसी की पूजा करने का खास महत्व है।

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    ऐसा माना जाता है कि एकादशी के दिन तुलसी से जुड़ी गलतियां करने से साधक को मां लक्ष्मी की नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है और जीवन में धन की कमी हो सकती है। ऐसे में चलिए इस आर्टिकल में जानते हैं तुलसी (Tulsi Niyam) से जुड़े नियम के बारे में।

    तुलसी माता का व्रत हो सकता है खंडित

    धार्मिक मान्यता के अनुसार, हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर तुलसी माता निर्जला व्रत करती हैं। ऐसे में एकादशी के दिन तुलसी में जल देने से तुलसी माता का व्रत खंडित हो सकता है। इसलिए एकादशी के दिन तुलसी में जल देने की मनाही है। साथ ही तुलसी के पत्ते भी नहीं तोड़ने चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इस गलती को करने से धन की देवी मां लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं और साधक को व्रत का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होगा।

    नाराज हो सकती हैं मां लक्ष्मी

    ऐसा माना जाता है कि मां लक्ष्मी साफ-सफाई वाली जगह पर ही वास करती हैं। ऐसे में तुलसी के पौधे के पास साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। घर और तुलसी के पास गंदगी होने के कारण घर में मां लक्ष्मी का वास नहीं होता है और साधक को जीवन में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

    प्रसन्न होंगे भगवान विष्णु

    एकादशी के दिन सुबह स्नान करने के बाद भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करें। दीपक जलाकर आरती करें और व्रत कथा का पाठ करें। इसके बाद फल और मिठाई का भोग लगाएं। एक बात का खास ध्यान रखें कि भोग थाली में तुलसी के पत्ते जरूर शामिल करें। ऐसा माना जाता है कि भोग में तुलसी के पत्ते शामिल करने से श्रीहरि प्रसन्न होकर भोग को स्वीकार करते हैं।

    बरसेगी मां लक्ष्मी की कृपा

    एकादशी के दिन शाम को तुलसी के पास देसी घी का दीपक जलाएं। मंत्रों का जप करें। मान्यता है कि इस उपाय को करने से देवी लक्ष्मी प्रसन्न होकर साधक की सभी मुरादें पूरी करती हैं।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।

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