Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Shani Jayanti 2025: जीवन में चाहते हैं शुभ परिणाम, तो शनि जयंती के दिन करें इन मंत्रों का जप

    Updated: Sat, 24 May 2025 05:33 PM (IST)

    हर साल ज्येष्ठ अमावस्या तिथि पर शनि जयंती का पर्व बेहद उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन घरों और मंदिरों में शनिदेव की विशेष पूजा-अर्चना होती है। साथ ही शनिदेव को सरसों का तेल अर्पित करना चाहिए। इस उपाय को करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं। साथ ही साधक को शुभ परिणाम मिलते हैं।

    Hero Image
    Shani Jayanti 2025: कैसे करें शनिदेव को प्रसन्न

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, इस बार शनि जयंती का पर्व 27 मई (Shani Jayanti 2025 Date)को मनाया जाएगा। इस शुभ अवसर पर शनिदेव की पूजा-अर्चना करने का विधान है। साथ ही विशेष चीजों का दान किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि शनिदेव के पूजा में मंत्रों का जप न करने से साधक शुभ फल की प्राप्ति से वंचित रहता है। इसलिए शनिदेव के मंत्रों का जप जरूर करें। धार्मिक मान्यता के अनुसार, मंत्रों का जप करने से शनि दोष दूर होता है। साथ ही जीवन में शुभ परिणाम मिलते हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यह भी पढ़ें: Shani Jayanti 2025: शनि से हो रहे हैं परेशान, तो जानिए शनि जयंती पर कर सकते हैं क्या उपाय

    भगवान शनिदेव के मंत्र

    सफल जीवन के लिए मंत्र

    अपराधसहस्त्राणि क्रियन्तेऽहर्निशं मया।

    दासोऽयमिति मां मत्वा क्षमस्व परमेश्वर।।

    गतं पापं गतं दु:खं गतं दारिद्रय मेव च।

    आगता: सुख-संपत्ति पुण्योऽहं तव दर्शनात्।।

    शनिदेव का वैदिक मंत्र

    ऊँ त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम ।

    उर्वारुक मिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात ।

    ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये।शंयोरभिश्रवन्तु नः। ऊँ शं शनैश्चराय नमः।

    ऊँ नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्‌।छायामार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्‌।

    शनि गायत्री मंत्र

    ओम भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्

    शनि आह्वान मंत्र

    नीलाम्बरः शूलधरः किरीटी गृध्रस्थित स्त्रस्करो धनुष्टमान् |

    चतुर्भुजः सूर्य सुतः प्रशान्तः सदास्तु मह्यां वरदोल्पगामी ||

    शनि आरोग्य मंत्र

    ध्वजिनी धामिनी चैव कंकाली कलहप्रिहा।

    कंकटी कलही चाउथ तुरंगी महिषी अजा।।

    शनैर्नामानि पत्नीनामेतानि संजपन् पुमान्।

    दुःखानि नाश्येन्नित्यं सौभाग्यमेधते सुखमं।।

    शनि देव का महामंत्र

    ओम निलान्जन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।

    छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम॥

    शनि का पौराणिक मंत्र

    ऊँ श्रां श्रीं श्रूं शनैश्चाराय नमः।

    ऊँ हलृशं शनिदेवाय नमः।

    ऊँ एं हलृ श्रीं शनैश्चाराय नमः।

    ऊँ मन्दाय नमः।।

    ऊँ सूर्य पुत्राय नमः।।

    ।।शनि देव की आरती।।

    जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी।

    सूर्य पुत्र प्रभु छाया महतारी॥

    जय जय श्री शनि देव....

    श्याम अंग वक्र-दृष्टि चतुर्भुजा धारी।

    नी लाम्बर धार नाथ गज की असवारी॥

    जय जय श्री शनि देव....

    क्रीट मुकुट शीश राजित दिपत है लिलारी।

    मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी॥

    जय जय श्री शनि देव....

    मोदक मिष्ठान पान चढ़त हैं सुपारी।

    लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी॥

    जय जय श्री शनि देव....

    जय जय श्री शनि देव....

    देव दनुज ऋषि मुनि सुमिरत नर नारी।

    विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी॥

    जय जय श्री शनि देव भक्तन हितकारी।।

    जय जय श्री शनि देव....

    यह भी पढ़ें: Shani Jayanti 2025: शनि जयंती के दिन शनिदेव को इस तरह करें प्रसन्न, चमक जाएगी आपकी किस्मत

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।