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    Radha Ashtami 2023: राधा अष्टमी पर्व आज, जरूर करें श्री युगलाष्टकम स्तोत्र का पाठ

    By Shantanoo MishraEdited By: Shantanoo Mishra
    Updated: Sat, 23 Sep 2023 07:00 AM (IST)

    Radha Ashtami 2023 आज देशभर में राधा अष्टमी पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आज के दिन राधा रानी की उपासना करने से साधकों को सुख एवं समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन में आ रही कई प्रकार की परेशानियां दूर हो जाती है। साथ ही इस दिन श्री युगलाष्टकम् स्तोत्र का पाठ जरूर करना चाहिए।

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    Radha Ashtami 2023 आज के दिन जरूर करें श्री युगलाष्टकम् स्तोत्र का पाठ।

    नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क । Radha Ashtami 2023, Shri Yugalashtkam Lyrics: हिंदू धर्म में राधा अष्टमी पर्व का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, राधा अष्टमी पर्व के दिन किशोरी जी की उपासना करने से साधकों को सुख एवं समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। बता दें कि आज यानी 23 सितंबर के दिन देशभर में राधा अष्टमी पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। आज के दिन मध्याह्न काल में राधा रानी की उपासना का विधान है। साथ ही मान्यता है कि आज पूजा के समय श्री युगलाष्टकम् स्तोत्र का पाठ करने से साधकों को विशेष लाभ मिलता है।

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    श्री युगलाष्टकम् (Shri Yugalashtkam Lyrics in Hindi)

    कृष्ण प्रेम मयी राधा राधा प्रेम मयो हरिः ।

    जीवने निधने नित्यं, राधाकृष्णौ गतिर्मम ।।

    कृष्णस्य द्रविणं राधा राधायाः द्रविणं हरिः ।

    जीवनेन धने नित्यं राधाकृष्ण गतिर्मम् ।।

    कृष्ण प्राणमयी राधा, राधा प्राणमयो हरिः।

    जीवने निधने नित्यं, राधाकृष्णौ गतिर्मम ।।

    कृष्ण द्रवमयी राधा, राधा द्रवमयो हरिः।

    जीवने निधने नित्यं, राधाकृष्णौ गतिर्मम ।।

    कृष्ण गृहस्थिता राधा, राधा गृहस्थितो हरिः।

    जीवने निधने नित्यं, राधाकृष्णौ गतिर्मम ।।

    कृष्ण चित्तस्थिता राधा, राधा चित्तस्थितो हरिः।

    जीवने निधने नित्यं, राधाकृष्णौ गतिर्मम ।।

    नीलाम्बर धरा राधा, पीताम्बर धरो हरिः।

    जीवने निधने नित्यं, राधाकृष्णौ गतिर्मम ।।

    वृन्दावनेश्वरी राधा, कृष्णौ वृन्दावनेश्वरः।

    जीवने निधने नित्यं, राधाकृष्णौ गतिर्मम ।।

    श्री युगलाष्टकम् का महत्व

    भगवान श्री कृष्ण और किशोरी जी को वृन्दावन की महारानी और वृन्दावन के नरेश के रूप में जाना जाता है। मान्यता है कि भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी की उपासना करते समय श्री युगलाष्टकम् का पाठ या श्रवण करने से जीवन में आ रही कई प्रकार की बाधाएं दूर हो जाती है और पारिवारिक व वैवाहिक जीवन में आ रही समस्याएं दूर हो जाती है।

    डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहे।