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    Aaj ka Panchang 16 April 2025: इन योग में मनाई जा रही है संकष्टी चतुर्थी, पंचांग से जानिए शुभ मुहूर्त

    Updated: Wed, 16 Apr 2025 09:13 AM (IST)

    हर महीने की कृष्ण और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर व्रत किया जाता है। वैदिक पंचांग के अनुसार आज यानी 16 अप्रैल को विकट संकष्टी चतुर्थी मनाई जा रही है। सनातन धर्म में संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करने का विधान है। ऐसे में चलिए पंडित हर्षित शर्मा जी से जानते हैं आज का पंचांग और शुभ मुहूर्त (Today Puja Time) के विषय में।

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    Aaj ka Panchang 16 April 2025 पंचांग से जानें शुभ मुहूर्त। (Pic Credit- Freepik)

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, आज यानी वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि है। हर साल इस तिथि पर विकट संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करने का विधान है। साथ ही व्रत किया जाता है। विकट संकष्टी चतुर्थी के दिन कई शुभ और अशुभ योग बन रहे हैं। आइए पढ़ते हैं आज का पंचांग

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    आज का पंचांग (Aaj ka Panchang 16 April 2025)

    सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

    सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 55 मिनट पर

    सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 48 मिनट पर

    चंद्रोदय- रात 10 बजे से

    चंद्रास्त- सुबह 07 बजकर 31 मिनट पर

    वार - बुधवार

    ऋतु - वसंत

    शुभ समय (Today Shubh Muhurat)

    ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 26 मिनट से 05 बजकर 10 मिनट तक

    विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 30 मिनट से 03 बजकर 21 मिनट तक

    गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 46 मिनट से 07 बजकर 09 मिनट तक

    निशिता मुहूर्त- रात 11 बजकर 58 मिनट से 12 बजकर 43 मिनट तक

    यह भी पढ़ें: Sankashti Chaturthi 2025: इन मंत्रों के जप से करें भगवान गणेश को प्रसन्न, बिगड़े काम हो सकते हैं पूरे

    अशुभ समय

    राहुकाल - दोपहर 12 बजकर 21 मिनट से 01 बजकर 58 मिनट तक

    गुलिक काल - सुबह 10 बजकर 44 मिनट से 12 बजकर 21 मिनट तक

    यमगण्ड- सुबह 07 बजकर 31 मिनट से 09 बजकर 08 मिनट तक

    विडाल योग- पूरे दिन

    भद्रा- सुबह 05 बजकर 55 मिनट से 01 बजकर 16 मिनट तक  

    दिशा शूल - उत्तर

    नक्षत्र के लिए उत्तम ताराबल -  अश्विनी, कृत्तिका, मृगशिरा, पुनर्वसु, पुष्य, आश्लेषा, मघा, उत्तरा फाल्गुनी, चित्रा, विशाखा, अनुराधा, ज्येष्ठा, मूल, उत्तराषाढ़ा, धनिष्ठा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद, रेवती

    राशि के लिए उत्तम चन्द्रबलम - वृषभ, मिथुन, कन्या, वृश्चिक, मकर, कुम्भ

    यह भी पढ़ें: Sankashti Chaturthi 2025: इन चीजों का भोग लगाने से बरसेगी भगवान गणेश की कृपा, मिलेगा शुभ फल

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।

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