Aaj Ka Panchang 21 June 2025: योगिनी एकादशी पर बन रहे हैं कई शुभ योग, यहां जानें शुभ मुहूर्त और पढ़ें पंचांग
पंचांग के अनुसार, आज आषाढ़ महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि है। इस शुभ तिथि पर कई शुभ योग का निर्माण हो रहा है। इस दौरान कार्य की शुरुआत करने से सफलता प्राप्त होती है। ऐसे में एस्ट्रोपत्री डॉटकॉम के पंडित आनंद सागर पाठक जी से जानते हैं आज का (Aaj Ka Panchang 21 June 2025) पंचांग व शुभ-अशुभ मुहूर्त के विषय में।

Aaj Ka Panchang 21 June 2025: योगिनी एकादशी पंचांग।
आनंद सागर पाठक, एस्ट्रोपत्री। Aaj Ka Panchang 21 June 2025: आज योगिनी एकादशी मनाई जा रही है। यह भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित है। ऐसा कहा जाता कि जो साधक इस दिन भाव के साथ पूजा-पाठ करते हैं, उन्हें धन-दौलत, सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही जीवन में खुशहाली आती है। आज के दिन (21 June 2025 Panchang) की शुरुआत करने से पहले यहां दिए गए शुभ व अशुभ समय को अवश्य जान लें, जो इस प्रकार हैं -
Aaj Ka Panchang 21 June 2025: आज का पंचांग -
सूर्य राशि - मिथुन
चंद्र राशि - मेष
पक्ष - कृष्ण
तिथि - दशमी सुबह 07:18 बजे तक, फिर एकादशी प्रातः 04:27 बजे तक, जून 22
योग - अतिगंडा सुबह 08:29 बजे तक
करण - विष्टि सुबह 07:18 बजे तक
करण - बव शाम 05:55 बजे तक
करण - बलव सुबह 04:27 बजे तक, जून 22
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 24 मिनट पर
सूर्यास्त - शाम 07 बजकर 22 मिनट पर
चन्द्रोदय - देर रात 02 बजकर 08 मिनट पर
चंद्रास्त - भोर 03 बजकर 03 मिनट पर
शुभ मुहूर्त
अभिजीत - सुबह 11:55 बजे से दोपहर 12:51 बजे तक
अमृत काल - दोपहर 01:12 बजे से दोपहर 02:41 बजे तक
अशुभ समय
गुलिक काल - सुबह 05:24 बजे से प्रात: 07:09 बजे तक
यमगंडा - दोपहर 02:08 बजे से शाम 03:53 बजे तक
राहु काल - सुबह 08:53 बजे से प्रात: 10:38 बजे तक
आज का नक्षत्र
आज चंद्रदेव अश्विनी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे।
अश्विनी नक्षत्र - रात्रि 07:50 बजे तक
सामान्य विशेषताएं - सुंदर रूप, तीव्र बुद्धि, आभूषण व वस्त्र प्रेमी, आत्मविश्वासी, मजबूत शरीर, आशावादी, आक्रामक और निडर
शासक ग्रह - केतु
राशि स्वामी - मंगल
देवता - अश्विनी कुमार
प्रतीक - घोड़े का सिर
करें इन मंत्रों का जाप
1. दन्ताभये चक्र दरो दधानं, कराग्रगस्वर्णघटं त्रिनेत्रम्।
धृताब्जया लिंगितमब्धिपुत्रया लक्ष्मी गणेशं कनकाभमीडे।।
2. ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि।
ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि।
3. ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान। यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्टं च लभ्यते।।
4. ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्मी नमः
5. ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं क्लीं श्री लक्ष्मी मम गृहे धन पूरये, धन पूरये, चिंताएं दूरये-दूरये स्वाहा:
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Note - यह दैनिक पंचांग Astropatri.com के सौजन्य से प्रस्तुत है। सुझाव व प्रतिक्रियाओं के लिए hello@astropatri.com पर ईमेल करें।
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