Aaj ka Panchang 4 December 2025: मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर बन रहे ये मंगलकारी योग, पंचांग से जानें शुभ मुहूर्त
Margashirsha Purnima 2025 Date and Time, Aaj ka Panchang 4 दिसंबर 2025 के अनुसार, आज यानी 4 दिसंबर को मार्गशीर्ष पूर्णिमा और अन्नपूर्णा जयंती का पर्व ...और पढ़ें

Aaj ka Panchang 4 December 2025: आज का पंचांग
आनंद सागर पाठक, एस्ट्रोपत्री। आज यानी 4 दिसंबर को मार्गशीर्ष पूर्णिमा (Margashirsha Purnima 2025 Date) है। इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने का विधान है। साथ ही विशेष चीजों का दान भी किया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, पूर्णिमा के दिन पूजा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है और जीवन के सभी संकट दूर होते हैं। आज कई मंगलकारी योग भी बन रहे हैं। ऐसे में आइए जानते हैं आज का पंचांग (Aaj ka Panchang 3 December 2025) के बारे में।
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तिथि: शुक्ल चतुर्दशी
मास पूर्णिमांत: मार्गशीर्ष
दिन: गुरुवार
संवत्: 2082
तिथि: शुक्ल चतुर्दशी – प्रातः 08 बजकर 37 मिनट तक, फिर पूर्णिमा
योग: शिव – दोपहर 12 बजकर 34 मिनट तक
करण: वणिज – प्रातः 08 बजकर 37 मिनट तक
करण: विष्टि – सायं 06 बजकर 40 मिनट तक
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
सूर्योदय: प्रातः 06 बजकर 59 मिनट पर
सूर्यास्त: सायं 05 बजकर 24 मिनट पर
चंद्रोदय: सायं 04 बजकर 35 मिनट पर
चंद्रास्त: आज चंद्रास्त नहीं होगा
सूर्य राशि: वृश्चिक
चन्द्रमा की राशि: वृषभ
आज के शुभ मुहूर्त
अभिजीत मुहूर्त: प्रात: 11 बजकर 50 बजे से दोपहर 12 बजकर 32 मिनट तक
अमृत काल: दोपहर 12 बजकर 48 बजे से दोपहर 02 बजकर 12 मिनट तक
आज के अशुभ समय
राहुकाल: दोपहर 01 बजकर 29 मिनट से दोपहर 02 बजकर 48 मिनट तक
गुलिकाल: प्रात: 09 बजकर 35 मिनट से प्रात: 10 बजकर 53 मिनट तक
यमगण्ड: प्रात: 06 बजकर 59 मिनट से प्रात: 08 बजकर 17 मिनट तक
आज का नक्षत्र
आज चंद्रदेव कृत्तिका नक्षत्र में रहेंगे।
कृत्तिका नक्षत्र: दोपहर 02 बजकर 54 मिनट तक।
सामान्य विशेषताएं: सुंदर व्यक्तित्व, आभूषण-प्रिय, तेज बुद्धि, निपुण, यात्राप्रिय, स्वस्थ, जोशीले, नेतृत्व क्षमता, खेल-प्रिय, अधीर, आक्रामक और क्रोधी
शासक ग्रह: केतु देव
राशि स्वामी: मंगल देव
देवता: अश्विनी कुमार
प्रतीक: घोड़े का सिर
मार्गशीर्ष पूर्णिमा का धार्मिक महत्व (Margashirsha purnima Significance)
मार्गशीर्ष पूर्णिमा हिंदू पंचांग के मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। यह तिथि आध्यात्मिक साधना, दान-पुण्य और पूजा-अर्चना के लिए अत्यंत शुभ मानी जाती है। मान्यता है कि इस दिन भगवान श्रीहरि विष्णु की उपासना करने से विशेष कृपा मिलती है और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इस रात चंद्रमा की उजाला ऊर्जा को शीतलता और मानसिक शांति का प्रतीक माना गया है। कई स्थानों पर इस दिन सत्यनारायण व्रत और कथा का आयोजन होता है। नदी-स्नान, विशेषकर गंगा-स्नान, का भी महत्व है। इस पावन तिथि पर किए गए दान से पुण्य में वृद्धि होती है और जीवन में सकारात्मकता आती है।
मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर क्या- क्या करें
- प्रात: पवित्र स्नान करें, चाहे नदी में या गंगाजल मिलाकर।
- भगवान विष्णु की पूजा करें और सत्यनारायण कथा सुनें।
- तुलसी पर दीपक जलाएं और विष्णु मंत्र या ओम नमो भगवते वासुदेवाय जपें।
- चंद्र देव को जल अर्पित करें और चंद्र दर्शन करें।
- जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र, कंबल या फल दान करें।
- खीर या गुड़-चावल का दान शुभ माना जाता है।
- घर में दीपक जलाकर शांति और सौभाग्य की प्रार्थना करें।
- मन को शांत रखकर ध्यान, जप और भजन-कीर्तन करें।
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