Aaj ka Panchang 6 June 2025: निर्जला एकादशी पर बन रहे हैं कई खास योग, पंचांग से जानें शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार आज यानी निर्जला एकादशी के दिन कई तरह के शुभ और अशुभ योग बन रहे है। निर्जला एकादशी को साल की सबसे महत्वपूर्ण एकादशी के रूप में जाना जाता है। ऐसे में एस्ट्रोपत्री डॉटकॉम के पंडित आनंद सागर पाठक जी से जानते हैं आज का (Aaj ka Panchang 6 June 2025) पंचांग।

आनंद सागर पाठक, एस्ट्रोपत्री। आज शुक्रवार 6 जून के दिन ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है। ऐसे में इस तिथि पर निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi 2025) मनाई जा रही है। यह तिथि मुख्य रूप से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित मानी जाती है। ऐसे में आइए पढ़ते हैं आज का पंचांग और जानते हैं शुभ-अशुभ मुहूर्त के विषय में।
आज का पंचांग (Panchang 6 June 2025)
ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि समाप्त - 7 जून प्रातः 4 बजकर 47 मिनट तक
संवत - 2082
योग - व्यतिपात - सुबह 10 बजकर 13 मिनट तक
करण
वनिज - दोपहर 3 बजकर 31 मिनट तक
विष्टि - 7 जून, प्रातः 4 बजकर 47 मिनट तक
वार - शुक्रवार
ऋतु - ग्रीष्म
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
सूर्योदय - सुबह 5 बजकर 23 मिनट पर
सूर्यास्त- शाम 7 बजकर 17 मिनट पर
चंद्रोदय - दोपहर 3 बजकर 1 मिनट पर
चंद्रास्त- 7 जून देर रात 2 बजकर 27 मिनट पर
(Picture Credit: Freepik)
शुभ समय
अभिजीत मुहूर्त - सुबह 11 बजकर 52 मिनट से दोपहर 12 बजकर 48 मिनट तक
अशुभ समय
राहुकाल - सुबह 10 बजकर 36 मिनट से दोपहर 12 बजकर 20 मिनट तक
गुलिक काल - सुबह 7 बजकर 7 मिनट से सुबह 8 बजकर 51 मिनट तक
यमगंडा - दोपहर 3 बजकर 48 मिनट से शाम 5 बजकर 33 मिनट तक
आज का नक्षत्र
आज भी चंद्रदेव हस्त नक्षत्र में ही रहेंगे..
सामान्य विशेषताएं - वीरता, साहसिकता, निर्दयता, चालाकी / गुप्तता, ऊर्जा से भरपूर, बुद्धिमत्ता,झगड़ालूपन, खेल और युद्ध-कला में निपुणता
नक्षत्र स्वामी - चंद्रमा
राशि स्वामी - बुध
देवता - सविता - सूर्योदय के देवता
प्रतीक - हाथ या बंद मुट्ठी
आज का व्रत और त्योहार
निर्जला एकादशी
व्रत और भक्ति के मार्ग पर चलने वाले साधकों के लिए निर्जला एकादशी एक अत्यंत शुभ तिथि मानी जाती है। वैदिक पंचांग के अनुसार, यह व्रत ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को रखा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की विधिपूर्वक पूजा करने का विशेष महत्व होता है। इस साल ये एकादशी 6 जून 2025 को मनाई जाएगी। यदि इस व्रत को श्रद्धा और नियमपूर्वक रखा जाए, तो साधक को वर्ष भर की सभी (24) एकादशियों का पुण्य प्राप्त होता है।
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निर्जला एकादशी तिथि-
एकादशी प्रारम्भ- प्रातः 02:15 बजे से, जून 06
एकादशी समाप्त- प्रातः 04:47 बजे तक, जून 07
निर्जला एकादशी पूजा\व्रत विधि-
- निर्जला एकादशी सभी एकादशियों में सर्वाधिक फलदायी और कठिन व्रत मानी जाती है। इस दिन साधक बिना जल ग्रहण किए पूरे दिन उपवास करते हैं।
- सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- भगवान विष्णु की प्रतिमा या चित्र को गंगाजल से शुद्ध करें।
- पीले या सफेद पुष्प, तुलसी दल, धूप-दीप, चंदन, और फल अर्पित करें।
- विष्णु सहस्त्रनाम, गीता का पाठ या "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" मंत्र का जप करें।
- दिनभर बिना अन्न और जल के उपवास करें। केवल भगवान का नाम स्मरण करते रहें।
- यदि स्वास्थ्य कारणों से निर्जल रहना संभव न हो, तो फलाहार अथवा जल से व्रत किया जा सकता है।
- अगले दिन सूर्योदय के बाद स्नान कर विष्णु भगवान की फिर से पूजा करें।
- ब्राह्मणों या जरूरतमंदों को अन्न, जल, वस्त्र, और दक्षिणा का दान करें।
- इसके बाद व्रत का विधि पूर्वक पारण करें।
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