Ashadha Vinayak Chaturthi 2025: कब है विनायक चतुर्थी? इस विधि से करें पूजा, नोट करें डेट और टाइम
आषाढ़ माह की विनायक चतुर्थी (Ashadha Vinayak Chaturthi 2025) का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से भक्तों के सभी कष्ट दूर होते हैं और सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। वहीं इस दिन भगवान गणेश की पूजा और व्रत करने के कुछ जरूरी नियम बताए गए हैं आइए जानते हैं।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। यह दिन भगवान गणेश को समर्पित है, जो प्रथम पूजनीय देवता माने जाते हैं। आषाढ़ मास की विनायक चतुर्थी (Ashadha Vinayak chaturthi 2025) का विशेष महत्व है, क्योंकि इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से भक्तों के सभी कष्ट दूर होते हैं और सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं, तो आइए इस दिन से जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं, जो इस प्रकार हैं।
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कब है आषाढ़ विनायक चतुर्थी? (Ashadha Vinayak chaturthi 2025 Date And Time)
पंचांग को देखते हुए चतुर्थी तिथि की शुरुआत 27 जून 2025, दिन शुक्रवार को देर रात 01 बजकर 25 मिनट पर होगी। वहीं, इसकी समाप्ति 28 जून 2025, शनिवार को देर रात 02 बजकर 22 मिनट पर होगी। ऐसे में इस साल 28 जून 2025, दिन शनिवार को आषाढ़ विनायक चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा।
आषाढ़ विनायक चतुर्थी पूजा विधि (Ashadha Vinayak chaturthi 2025 Puja Vidhi)
- सुबह जल्दी उठें और स्नान करें।
- पीले रंग के कपड़े धारण करें।
- पूजा शुरू करने से पहले हाथ में जल, फूल और अक्षत लेकर व्रत का संकल्प लें।
- एक वेदी पर पीले रंग के कपड़े बिछाएं।
- भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें।
- गंगाजल से अभिषेक करें।
- देसी घी का दीपक जलाएं।
- भगवान गणेश को रोली और चंदन का तिलक लगाएं।
- उन्हें लाल पुष्प, विशेष रूप से गुड़हल के फूल अर्पित करें।
- दूर्वा पूजा में जरूर शामिल करें।
- मोदक या लड्डू का भोग लगाएं।
- 'ॐ गं गणपतये नमः' मंत्र का 108 बार जप करें।
- अंत में आरती करें।
- शाम के समय चंद्रमा को अर्घ्य जरूर दें।
पूजा मंत्र (Ashadha Vinayak chaturthi 2025 Puja Mantra)
- गणपूज्यो वक्रतुण्ड एकदंष्ट्री त्रियम्बक:।।
- ॐ गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।
- ॐ महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।
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