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    Vinayak Chaturthi 2025: आषाढ़ महीने में कब है विनायक चतुर्थी? यहां जानें शुभ मुहूर्त और महत्व

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Thu, 05 Jun 2025 09:31 PM (IST)

    हर साल आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के अगले दिन देवशयनी एकादशी मनाई जाती है। इससे पहले तृतीया तिथि के अगले दिन विनायक चतुर्थी (Vinayak Chaturthi 2025) मनाई जाती है। इस शुभ अवसर पर मंदिरों में रिद्धि और सिद्धि के दाता भगवान गणेश की विशेष पूजा की जाती है।

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    Ashadha Vinayak Chaturthi 2025: विनायक चतुर्थी का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में चतुर्थी तिथि पर भगवान गणेश की विशेष पूजा की जाती है। साधक गणपति बप्पा की कृपा पाने के लिए चतुर्थी तिथि पर व्रत भी रखते हैं। इससे काम में सिद्धि एवं सफलता मिलती है। साथ ही सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। इसके लिए बड़ी संख्या में साधक चतुर्थी तिथि पर भगवान गणेश की  पूजा एवं भक्ति करते हैं।

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    हर महीने कृष्ण और शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि से एक दिन पहले चतुर्थी का व्रत रखा जाता है। धार्मिक मत है कि भगवान गणेश की पूजा करने से आर्थिक संकटों से मुक्ति मिलती है। साथ ही घर में सुख, समृद्धि एवं खुशहाली आती है। आइए, आषाढ़ माह की विनायक चतुर्थी की सही डेट और शुभ मुहूर्त जानते हैं-

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    विनायक चतुर्थी शुभ मुहूर्त (Vinayaka Chaturthi 2025 Shubh Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 28 जून को सुबह 09 बजकर 53 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, 29 जून को सुबह 09 बजकर 14 मिनट पर चतुर्थी तिथि समाप्त होगी। तिथि गणना से 28 जून को विनायक चतुर्थी मनाई जाएगी।

    विनायक चतुर्थी शुभ योग (Vinayaka Chaturthi 2025 Shubh Yog)

    ज्योतिषियों की मानें तो आषाढ़ माह की विनायक चतुर्थी पर दुर्लभ हर्षण योग का संयोग बन रहा है। हर्षण योग का संयोग शाम 07 बजकर 15 मिनट तक है। इसके साथ ही रवि योग का भी संयोग है। रवि योग सुबह 06 बजकर 35 मिनट से लेकर अगले दिन यानी 29 जून को सुबह 05 बजकर 26 मिनट तक है। इन योग में स्नान-ध्यान कर भगवान गणेश की पूजा करने से आरोग्य जीवन का वरदान मिलेगा। साथ ही सभी प्रकार के मनोरथ सिद्ध होंगे।

    पंचांग

    • सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 26 मिनट पर
    • सूर्यास्त - शाम 07 बजकर 23 मिनट पर
    • चन्द्रोदय- सुबह 08 बजकर 09 मिनट पर
    • चन्द्रास्त- रात 10 बजकर 04 मिनट पर
    • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 05 मिनट से 04 बजकर 46 मिनट तक
    • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 44 मिनट से 03 बजकर 40 मिनट तक
    • गोधूलि मुहूर्त - शाम 07 बजकर 22 मिनट से 07 बजकर 42 मिनट तक
    • निशिता मुहूर्त - रात 12 बजकर 04 मिनट से 12 बजकर 45 मिनट तक

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।

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