Chanakya Niti: चाहे कोई कितना भी करीबी क्यों न हो, किसी को न बताएं अपनी ये बातें
आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र में कई ऐसी बातें बताई गई हैं, जो आपके जीवन को सफल बनाने में मदद करती हैं। साथ ही आचार्य चाणक्य ने अपने नीतिशास्त्र में कुछ ऐसी बातों का भी जिक्र किया है, जिन्हें हमेशा गुप्त रखना चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति आने वाली परेशानियों से बचा रह सकता है।

Chanakya niti tips in hindi
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। कभी-कभी कुछ लोग, अपनी कुछ प्राइवेट बातें भी लोगों को बता देते हैं, जिससे आगे चलकर उन्हें नुकसान उठाना पड़ता है। इसके बारे में आचार्य चाणक्य का कहना है कि, चाहे आपके कोई कितना भी करीबी क्यों न हो, लेकिन अपनी कुछ प्राइवेट बातें किसी को नहीं बतानी चाहिए। वरना आपको ही इसका नतीजा भुगतना पड़ता है। चलिए जानते हैं इस बारे में।
हो सकता है नुकसान
आचार्य चाणक्य का कहना है कि चाहे आपको कोई कितना भी करीबी क्यों न हो, लेकिन उसे कभी भी अपनी भविष्य की योजनाओं के बारे में नहीं बताना चाहिए। क्योंकि इससे कभी-कभी काम बिगड़ सकते हैं, या सामने वाला आपके काम में रुकावट भी पैदा कर सकता है। इतना ही नहीं, अगर आपका लक्ष्य पूरा नहीं, होता, तो ऐसे में आप मजाक का पात्र भी बन सकते हैं।

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न बताएं ये बातें
आचार्य चाणक्य का कहना है कि एक व्यक्ति को कभी भी अपनी आर्थिक स्थिति या फिर कमजोरियों है, इसके बारे में भी किसी को नहीं बताना चाहिए। क्योंकि लोग इसका फायदा उठा सकते हैं। इसलिए आचार्य चाणक्य ने अपने नीतिशास्त्र में इन बातों को किसी को भी बताने से मना किया है।
गुप्त रखने से मिलते हैं ये लाभ
कभी-कभी हम अपनी घर की कुछ परेशानियों के बारे में अपने रिश्तेदारों या दोस्तों को बता देते हैं। आचार्य चाणक्य का मानना है कि यदि आप अपनी इन बातों को गुप्त रखते हैं, तो इससे आप अपने विरोधियों को इसका लाभ उठाने से रोक सकते हैं।

रिश्तों में आ सकती है दरार
आचार्य चाणक्य का मानना है कि वैवाहिक या पारिवारिक जीवन से जुड़ी बातें दूसरों को नहीं बतानी चाहिए। ऐसी स्थिति में बाहर के लोग आपकी इन बातों का गलत फायदा उठा सकते हैं, जिससे आपके रिश्ते में दरार आ सकती है। इसलिए चाणक्य कहते हैं, कि घर व रिश्तों की बातें घर में ही रखनी चाहिए। इससे आपका रिश्ता मजबूत बना रहता है।
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है

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