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    Chhath Puja 2025: रवि योग में दिया जाएगा डूबते सूर्य देव को अर्घ्य, बरसेगी सूर्य देव की कृपा

    Updated: Sun, 26 Oct 2025 02:12 PM (IST)

    सोमवार 27 अक्टूबर को छठ पूजा मनाई जाएगी, जिसमें संध्याकाल में डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। अगले दिन 28 अक्टूबर मंगलवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देकर चार दिवसीय महापर्व का समापन होगा। ज्योतिषियों के अनुसार, कार्तिक माह की षष्ठी तिथि पर रवि योग, सुकर्मा योग और कौलव करण जैसे कई मंगलकारी संयोग बन रहे हैं, जिनमें सूर्य देव को अर्घ्य देने से साधक की मनोकामनाएं पूरी होंगी और सुख-सौभाग्य में वृद्धि होगी।

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    Chhath Puja 2025: छठ पूजा का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Chhath Puja 2025: वैदिक पंचांग के अनुसार, सोमवार 27 अक्टूबर को लोक आस्था का महापर्व छठ मनाया जाएगा। इस शुभ अवसर पर संध्याकाल में डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। इसके अगले दिन यानी मंगलवार 28 अक्टूबर को उगते सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाएगा। इसके साथ ही चार दिवसीय छठ पूजा का समापन हो जाता है।

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    ज्योतिषियों की मानें तो कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि पर रवि योग समेत कई मंगलकारी संयोग बन रहे हैं। इन योग में सूर्य देव को अर्घ्य देने से साधक की हर मनोकामना पूरी होगी। साथ ही सुख और सौभाग्य में अपार वृद्धि होगी। आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-

    कब होगा सूर्यास्त?

    कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि यानी सोमवार 27 अक्टूबर को राजधानी दिल्ली में संध्याकाल 05 बजकर 40 मिनट पर सूर्यास्त होगा। इस समय नई दिल्ली में डूबते सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाएगा।

    रवि योग

    ज्योतिषियों की मानें तो कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि यानी सोमवार 27 अक्टूबर को दोपहर 01 बजकर 27 मिनट से रवि योग का आरंभ होगा, जो पूर्ण रात्रि तक है। इस योग में संध्या अर्घ्य दिया जाएगा। इसके साथ ही सुकर्मा योग का भी संयोग बन रहा है। रवि योग में सूर्य देव की उपासना करने से साधक पर भगवान भास्कर की कृपा बरसती है। साथ ही आरोग्यता का वरदान मिलता है।

    शुभ योग

    कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि पर कौलव और तैतिल करण का महासंयोग है। कौलव करण में डूबते सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाएगा। ज्योतिष कौलव करण को शुभ मानते हैं। इसके साथ ही करण योग में उगते सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाएगा। इन योग में सूर्य देव की पूजा करने से साधक पर आत्मा के कारक सूर्य देव की असीम कृपा बरसेगी।  

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।