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    Dev Uthani Ekadashi 2025: देवउठनी एकादशी की रात करें दीपक के ये दुर्लभ उपाय, बन जाएंगे बिगड़े काम

    Updated: Thu, 23 Oct 2025 02:54 PM (IST)

    देवउठनी एकादशी (Dev Uthani Ekadashi 2025) का हिंदू धर्म में बहुत ज्यादा महत्व है, जब भगवान विष्णु योग निद्रा से जागते हैं और शुभ काम शुरू होते हैं। इस दिन घर के कुछ प्रमुख स्थानों में दीपक जलाना बहुत शुभ माना जाता है। ऐसा करने से वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि आती है। इसके साथ ही भगवान विष्णु खुश होते हैं।

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    Dev Uthani Ekadashi 2025: देवउठनी एकादशी की रात करें ये उपाय।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Dev Uthani Ekadashi 2025: देवउठनी एकादशी का पर्व हिंदू धर्म में बहुत महत्व रखता है। यह वह दिन है जब सृष्टि के पालनहार भगवान विष्णु योग निद्रा से जाग जाते हैं। इस साल देवउठनी एकादशी 01 नवंबर को पड़ रही है। इसी दिन से शुभ काम जैसे - 'विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश' जैसे सभी शुभ कामों की शुरुआत हो जाती है। शास्त्रों के अनुसार, देवउठनी एकादशी की रात कुछ विशेष स्थानों पर दीपक जलाना बहुत शुभ और फलदायी माना गया है, तो आइए उन शुभ स्थानों को जानते हैं।

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    देवउठनी एकादशी की रात करें ये अचूक उपाय (Dev Uthani Ekadashi 2025 Deepak Rituals)

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    तुलसी के पौधे के पास

    देवउठनी एकादशी की शाम को तुलसी के पौधे के पास घी के 5 दीपक जलाएं। तुलसी माता को हरिप्रिया और माता लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है। ऐसे में उनके सामने दीपक जलाने से वैवाहिक जीवन की मुश्किलें दूर होती हैं और धन की देवी मां लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है।

    मुख्य द्वार

    एकादशी की रात को घर के मुख्य प्रवेश द्वार के दोनों ओर गाय के घी का दीपक जलाएं। ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है और सुख-शांति बनी रहती है।

    पीपल के पेड़ के नीचे

    देवउठनी एकादशी की रात पीपल के पेड़ के नीचे एक दीपक जलाएं और उसकी सात बार परिक्रमा करें। ऐसा करने से व्यक्ति को कर्ज से मुक्ति मिलती है। साथ ही धन लाभ के योग बनते हैं।

    रसोई घर

    इस शुभ अवसर पर घर के रसोई घर में भी एक दीपक जलाना चाहिए। रसोई को अन्नपूर्णा देवी का स्थान माना जाता है। यहां दीपक जलाने से घर में कभी अन्न की कमी नहीं होती है और रसोई हमेशा धन-धान्य से भरी रहती है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।