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    Dhanteras 2025: इस विधि से करें भगवान धन्वंतरि और कुबरे जी की पूजा, जानें सोना-चांदी मुहूर्त

    Updated: Sat, 18 Oct 2025 11:08 AM (IST)

    धनतेरस (Dhanteras 2025) का पर्व कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी को मनाया जाता है, जिसमें धन के देवता कुबेर और भगवान धन्वंतरि की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन सोना-चांदी खरीदना और शुभ मुहूर्त में पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है, तो आइए इस दिन से जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं।

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    Dhanteras 2025: सोने-चांदी की खरीददारी का शुभ मुहूर्त।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Dhanteras 2025: धनतेरस का पर्व कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन धन के देवता कुबेर और आयुर्वेद के जनक भगवान धन्वंतरि की पूजा का विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि इस शुभ दिन पर पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है और परिवार में सभी का स्वास्थ्य अच्छा रहता है।

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    इस साल धनतेरस का त्योहार 18 अक्टूबर, दिन शनिवार यानी आज के दिन मनाया जा रहा है, तो आइए इससे जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं।

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    सोने-चांदी की खरीददारी का शुभ मुहूर्त (Sona-Chandi Kharidne Ka Samay)

    • धनतेरस के दिन सोना-चांदी खरीदना के लिए शुभ समय सुबह 08 बजकर 50 मिनट से 10 बजकर 33 मिनट तक रहेगा।

    पूजन मुहूर्त (Dhanteras 2025 Puja Muhurat)

    • प्रदोष काल - 07 बजकर 16 मिनट से लेकर 08 बजकर 20 मिनट तक

    शहर अनुसार सोना-चांदी मुहूर्त (According To Your City Sona Chandi Time)

    • नई दिल्ली शाम 7:16 से 8:20 बजे तक
    • गुड़गांव शाम 7:17 से 8:20 बजे तक
    • जयपुर शाम 7:24 से 8:26 बजे तक
    • कोलकाता शाम 6:41 से 7:38 बजे तक
    • पुणे शाम 7:46 से 8:38 बजे तक
    • चेन्नई शाम 7:28 से 8:15 बजे तक
    • नोएडा शाम 7:15 से 8:19 बजे तक
    • अहमदाबाद शाम 7:44 से 8:41 बजे तक
    • बेंगलुरु शाम 7:39 से 8:25 बजे तक
    • मुंबई शाम 7:49 से 8:41 बजे तक
    • चंडीगढ़ शाम 7:14 से 8:20 बजे तक
    • हैदराबाद शाम 7:29 से 8:20 बजे तक
    • लखनऊ शाम 07:05 बजे से रात 08:08 बजे तक।

    पूजा विधि (Puja Rituals)

    • धनतेरस की शाम को, शुभ मुहूर्त में घर के ईशान कोण उत्तर दिशा में पूजा करें।
    • एक साफ चौकी पर लाल या पीला वस्त्र बिछाएं।
    • इस पर भगवान गणेश, माता लक्ष्मी, भगवान धन्वंतरि और कुबेर जी की मूर्ति स्थापित करें।
    • जल से भरा एक कलश रखें।
    • हाथ में जल और चावल लेकर पूजा का संकल्प लें।
    • सबसे पहले भगवान गणेश का ध्यान करें और उन्हें तिलक, पुष्प और दूर्वा अर्पित करें।

    भगवान धन्वंतरि की पूजा (Lord Dhanvantari Puja Vidhi)

    • धन्वंतरि जी को रोली, अक्षत, वस्त्र और पीले फूल आदि चीजें अर्पित करें।
    • उन्हें तुलसी दल और गाय का दूध या मक्खन का भोग लगाएं।
    • अच्छे स्वास्थ्य और दीर्घायु के लिए इस मंत्र 'ॐ नमो भगवते धन्वंतराय विष्णुरूपाय नमो नमः' का जाप करें।

    भगवान कुबेर की पूजा (Kubera ji puja vidhi)

    • कुबेर जी को रोली-चंदन का तिलक लगाएं, फूल चढ़ाएं और घी का दीपक जलाएं।
    • उन्हें सफेद मिठाई या खीर का भोग लगाएं।
    • धन-समृद्धि के लिए इस मंत्र 'ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा॥' का जप करें।

    आरती और दीपदान (Aarti And Yam Dipak)

    अंत में, माता लक्ष्मी, कुबेर जी और धन्वंतरि जी की आरती करें।
    पूजा के बाद, घर के मुख्य द्वार पर दक्षिण दिशा की ओर मुख करके एक चौमुखी दीपक जलाएं। यह दीप यमराज को समर्पित होता है, जिसे 'यम दीपदान' कहते हैं। यह परिवार को रोग-दोष से बचाता है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।