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    Diwali 2025: प्रदोष काल से वृषभ काल तक, नोट करें मां लक्ष्मी की पूजा का शुभ मुहूर्त

    Updated: Mon, 13 Oct 2025 06:00 PM (IST)

    सनातन धर्म में दीवाली (Diwali 2025) का खास महत्व है। यह पर्व हर साल कार्तिक महीने में मनाया जाता है। इस दिन देवी मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है।दशकों बाद दीवाली के शुभ अवसर पर कई मंगलकारी संयोग बन रहे हैं। इन योग में देवी मां लक्ष्मी की भक्ति भाव से पूजा की जाएगी। 

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    Diwali 2025: दीवाली का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग अनुसार, सोमवार 20 अक्टूबर को दीवाली है। यह पर्व हर साल कार्तिक अमावस्या तिथि पर मनाया जाता है। इस दिन धन की देवी मां लक्ष्मी और ऋद्धि-सिद्धि के दाता भगवान गणेश की पूजा की जाती है। साथ ही संध्याकाल में दीप जलाए जाते हैं। यह दीवाली का त्योहार देश और विदेश में धूमधाम से मनाया जाता है।

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    धर्मिक मत है कि कार्तिक अमावस्या तिथि पर मां लक्ष्मी की पूजा करने से घर में सुख, समृद्धि और खुशहाली आती है। साथ ही आर्थिक विषमता दूर होती है। इस साल दीवाली के दिन कई मंगलकारी संयोग बन रहे हैं। इन योग में देवी मां लक्ष्मी की भक्ति भाव से पूजा की जाएगी। आइए, दीवाली के दिन बनने वाले योग और पूजा का शुभ मुहूर्त जानते हैं।

    दीवाली 2025 डेट और टाइम (Diwali 2025 Date and Time)

    वैदिक पंचांग के अनुसार,20 अक्टूबर को दोपहर 03 बजकर 44 मिनट से कार्तिक माह की अमावस्या तिथि शुरू होगी। वहीं, 21 अक्टूबर को 05 बजकर 54 मिनट पर अमावस्या तिथि का समापन होगा। पूर्ण अमावस्या तिथि पर दीवाली का त्योहार मनाया जाात है। 20 अक्टूबर को रात में पूर्ण अमावस्या रहेगी। इसके लिए 20 अक्टबूर को दीवाली मनाई जाएगी। वहीं, 21 अक्टूबर को संध्याकाल 05 बजकर 54 मिनट से कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि शुरू होगी। इसके लिए 20 अक्टूबर को दीवाली मनाना उचित होगा।

    दीवाली 2025 शुभ मुहूर्त (Diwali 2025 Shubh Muhurat)

    दीवाली पर पूजा के लिए शुभ समय संध्याकाल 07 बजकर 08 मिनट से लेकर 08 बजकर 18 मिनट तक है। वहीं, प्रदोष काल में पूजा के लिए शुभ समय 05 बजकर 46 मिनट से लेकर 08 बजकर 18 मिनट तक है। जबकि, वृषभ काल शाम 07 बजकर 08 मिनट से लेकर 09 बजकर 03 मिनट तक है। निशिता काल में देवी मां लक्ष्मी की पूजा का समय रात 11 बजकर 41 मिनट से 12 बजकर 31 मिनट तक है। इस दौरान साधक देवी मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा और साधना कर सकते हैं।

    पंचांग

    • सूर्योदय: सुबह 06 बजकर 25 मिनट पर
    • सूर्यास्त: शाम 05 बजकर 46 मिनट पर
    • ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04 बजकर 44 मिनट से 05 बजकर 34 मिनट तक
    • विजय मुहूर्त: दोपहर 01 बजकर 59 मिनट से 02 बजकर 45 मिनट तक
    •  गोधूलि मुहूर्त: शाम 05 बजकर 46 मिनट से 06 बजकर 12 मिनट तक
    •  निशिता मुहूर्त: रात 11 बजकर  41 मिनट से 12 बजकर 31 मिनट तक

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।