Ganadhipa Sankashti Chaturthi 2024: नवंबर में कब है गणाधिप संकष्टी चतुर्थी? ये है शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गणाधिप संकष्टी चतुर्थी के दिन विधिपूर्वक भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करने से सारे काम बिना किसी बाधा के पूरे होते हैं। पंचांग के अनुसार गणाधिप संकष्टी चतुर्थी का पर्व 18 नवंबर (Ganadhipa Sankashti Chaturthi 2024) को मनाया जाएगा। इस दिन गणपति बप्पा का ध्यान करने से जीवन में खुशियों का आगमन होता है और गणेश जी प्रसन्न होते हैं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि भगवान गणेश को समर्पित है। मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष चतुर्थी तिथि को गणाधिप संकष्टी चतुर्थी (Ganadhipa Sankashti Chaturthi 2024) के नाम से जाना जाता है। इस शुभ असवर पर भगवान गणेश की उपासना की जाती है। साथ ही जीवन के संकटों को दूर करने के लिए व्रत भी किया जाता है। मान्यता है कि गणाधिप संकष्टी चतुर्थी व्रत करने से जातक को गणपति बप्पा की कृपा प्राप्त होती है। आइए लेख में हम आपको बताएंगे कि मार्गशीर्ष माह में मनाई जाने वाली गणाधिप संकष्टी चतुर्थी की डेट, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में।
गणाधिप संकष्टी 2024 चतुर्थी मुहूर्त (Ganadhipa Sankashti Chaturthi 2024 Shubh Muhurat)
मार्गशीर्ष माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 18 नवंबर, शाम 06 बजकर 55 मिनट से शुरू हो रही है, जो अगले दिन यानी 19 नवंबर दोपहर को शाम 05 बजकर 28 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में गणाधिप संकष्टी चतुर्थी का व्रत 18 नवंबर को किया जाएगा। इस दिन शाम के समय चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाता है। ऐसे में चन्द्रोदय शाम 07 बजकर 34 मिनट पर होगा।ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 05 बजे से 05 बजकर 53 मिनट तकविजय मुहूर्त - दोपहर 01 बजकर 53 मिनट से 02 बजकर 35 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 26 मिनट से 05 बजकर 53 मिनट तकअशुभ समयराहुकाल - सुबह 08 बजकर 06 मिनट से 09 बजकर 26 मिनट तक।गुलिक काल - सुबह 01 बजकर 29 मिनट से 02 बजकर 46 मिनट तक।
यह भी पढ़ें: Guru Nanak Jayanti 2024: ये हैं गुरु नानक देव जी के अनमोल वचन, जो बदल देंगे आपका जीवन