Geeta Jayanti 2025: गीता जयंती पर रखें जरूरी बातों का ध्यान, सभी चिंताएं होंगी दूर
इस वर्ष 1 दिसंबर को गीता जयंती (Geeta Jayanti 2025) मनाई जाएगी। हिंदू धर्म में गीता जयंती का विशेष महत्व माना गया है, क्योंकि इस दिन पर भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था। ऐसे में चलिए जानते हैं कि इस दिन पर क्या करना चाहिए और क्या नहीं।

Geeta Jayanti 2025 (Picture Credit: Freepik) (AI Image)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। गीता एक ऐसा ग्रंथ है, जिसमें लिखा हर शब्द स्वयं श्रीकृष्ण के श्रीमुख से निकलता है, इसलिए इस ग्रंथ का इतना महत्व है। हर साल मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी यानी मोक्षदा एकादशी के दिन गीता जयंती का पर्व मनाया जाता है।
इस दिन ही स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था। ऐसे में चलिए जानते हैं कि इस दिन पर किन कार्यों (Geeta Jayanti Do's And Don'ts) को करने से लाभ मिल सकता है।
जरूर करें ये काम (Geeta Jayanti 2025)
- गीता जयंती के दिन श्रीमद्भगवद्गीता का पाठ जरूर करें। इससे व्यक्ति को पुण्य फल की प्राप्ति होती है
- शुभ फलों के लिए आप इस दिन पर मोक्षदा एकादशी का व्रत भी रख सकते हैं।
- इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा जरूर करनी चाहिए, साथ ही उनके मंत्रों का भी जप करें।
- "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" मंत्र का जप करें।
- गीता जयंती के दिन सिर्फ सात्विक भोजन ही करना चाहिए।
- गीता जयंती पर दान-पुण्य करना शुभ होता है, ऐसे में गरीबों को भोजन, वस्त्र या धन का दान करें।
- गायों की सेवा करें और उन्हें हरी घास व रोटी खिलाएं।
- इस दिन गीता के उपदेशों को अपने जीवन में अपनाने का संकल्प लें।
भूलकर से भी न करें ये काम
- गीता जयंती के दिन तामसिक भोजन काे सेवन से बचना चाहिए। साथ ही मांस-मदिरा आदि से भी दूरी बनानी चाहिए।
- इस दिन मन में किसी भी तरह के नकारात्मक विचार न लगाएं।
- बिना स्नान किए या अशांत मन के साथ गीता का पाठ शुरू न करें।
- यदि आप गीता का पाठ करते हैं, तो पूरा अध्याय पढ़कर ही उठें।
- एकादशी होने के कारण इस दिन पर तुलसी में जल अर्पित न करें और न ही तुलसी के पत्ते उतारें।
- बिना स्नान किए या फिर गंदे हाथों से श्रीमद्भगवद्गीता को न छूएं और न ही इसका पाठ करें
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