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    Gita Updesh: रिश्ते को रखना है मजबूत, तो जरूर ध्यान रखें गीता की ये बातें, प्यार रहेगा बरकरार

    Updated: Wed, 12 Mar 2025 12:17 PM (IST)

    गीता का उपदेश (Bhagavad Gita Updesh) असल में युद्ध की भूमि में भगवान कृष्ण द्वारा अर्जुन को दिया गया था जिससे अर्जुन को युद्ध में विजय प्राप्त करने में सहायता मिली। गीता के उपदेश द्वारा आप अपने वैवाहिक जीवन को भी खुशहाल बना सकते हैं। ऐसे में चलिए जानते हैं कि गीता में इसके बारे में क्या कहा गया है।

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    Gita Updesh (Picture Credit: Freepik) (AI Image)

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। भगवत गीता व्यक्ति को नई राह दिखाने में बहुत ही मददगार है। आज कई लोग भगवत गीता का पाठ करते हैं, जिससे मन को शांति का अनुभव मिलता है। साथ ही व्यक्ति को अपनी कई परेशानियों से भी छुटकारा मिल जाता है। भगवान गीता में प्रेम संबंधों को लेकर भी कुछ सुझाव दिए गए हैं। चलिए जानते हैं इस बारे में।

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    प्यार रहेगा बरकरार

    गीता में कहा गया है कि किसी भी रिश्ते में एक दूसरे के प्रति सम्मान का होना बेहद जरूरी है, चाहे रिश्ते में कोई छोटा हो या बड़ा। इसी तरह अगर प्रेम के रिश्ते में सम्मान न हो, तो इससे कड़वाहट पैदा हो सकती है। ऐसे में अगर आप अपने रिश्ते में प्यार बरकरार रखना चाहते हैं, तो एक-दूसरे का सम्मान जरूर करें।

    रिश्ते में बढ़ सकती है खटास

    गीता का उपदेश देते हुए श्रीकृष्ण अर्जुन से कहते हैं कि क्रोध से मनुष्य की बुद्धि काम नहीं करती या बुद्धि नष्ट हो जाती है। ऐसे में क्रोध में व्यक्ति खुद का ही  नाश कर बैठता है। इसलिए यह जरूर ही कि आप अपने प्रेम संबंध में कभी क्रोध को न आने दें, वरना यह आपके रिश्ते में खटास पैदा कर सकता है। ऐसे में प्रेम संबंध को बनाए रखने के लिए यह जरूरी है कि आप क्रोध को अपने रिश्ते से दूर रखें।

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    इस तरह निभाएं रिश्ता

    गीता उपदेश में ये कहा गया है कि किसी भी रिश्तों को हमेशा धर्म और कर्तव्य के साथ निभाना चाहिए। तभी आप उस रिश्ते को और मजबूत बना सकते हैं। साथ ही इस तरीके से रिश्ते निभाने से उसे रिश्ते में कड़वाहट और दूरियों को कम हो जाती हैं और प्यार बढ़ता है।

    इसी तरह किसी भी रिश्ते को पूरी ईमानदारी और जिम्मेदारी के साथ निभाने से भी उसमें मजबूती आती है, लेकिन इसी के साथ यह भी जरूरी है कि यह प्रयास रिश्ते में दोनों ओर से किए जाएं, क्योंकि केवल एक व्यक्ति के प्रयासों से रिश्ते को नहीं चलाया जा सकता।

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    स्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।

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