Parivartini Ekadashi 2025: परिवर्तिनी एकादशी पर इन चीजों के दान से दूर होगी घर की दरिद्रता
परिवर्तिनी एकादशी (Parivartini Ekadashi 2025) का व्रत भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को रखा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु और उनके वामन रूप की पूजा की जाती है। इस साल यह 03 सितंबर को मनाई जाएगी। इस दिन दान करना बहुत शुभ माना जाता है। इससे व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि आती है और पापों का नाश होता है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में परिवर्तिनी एकादशी का व्रत बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। यह हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु और उनके वामन रूप की पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन व्रत और पूजा करने से व्यक्ति के सभी पापों का नाश होता है और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
इस साल परिवर्तिनी एकादशी 3 सितंबर को पड़ रही है, ऐसे में आइए इस दिन (Parivartini Ekadashi 2025) क्या दान करना शुभ माना जाता है आइए इस आर्टिकल में जानते हैं?
परिवर्तिनी एकादशी पर करें ये दान (Parivartini Ekadashi 2025 Daan)
- अनाज और भोजन - परिवर्तिनी एकादशी के दिन अनाज और भोजन का दान करना बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन जरूरतमंद लोगों को भोजन कराने या चावल, दाल, और गेहूं आदि चीजों का दान करने से भगवान विष्णु खुश होते हैं और घर में धन-धान्य की कमी नहीं होती।
- पीले वस्त्र - भगवान विष्णु को पीला रंग बहुत प्रिय है। इसलिए परिवर्तिनी एकादशी के दिन पीले वस्त्रों का दान करना बहुत अच्छा होता है। ऐसा करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मकता आती है और आर्थिक संकट दूर होते हैं।
- फल - इस दिन मौसमी फल का दान करना भी बहुत लाभकारी होता है। इस दान से अच्छे स्वास्थ्य और समृद्धि का वरदान मिलता है।
- तिल - तिल का दान करने से शनि दोष से मुक्ति मिलती है और जीवन में स्थिरता आती है। यह दान आध्यात्मिक और भौतिक सुखों को बढ़ाता है।
- गाय - गाय का दान, जिसे गो-दान भी कहते हैं, सभी दानों में सबसे श्रेष्ठ माना जाता है। अगर आप गाय का दान नहीं कर सकते, तो गाय को चारा खिलाने जैसे अच्छे काम कर सकते हैं।
- घी और शहद - परिवर्तिनी एकादशी पर घी और शहद का दान करने से घर में खुशहाली आती है और जीवन में मिठास बनी रहती है।
परिवर्तिनी एकादशी कब है? (Parivartini Ekadashi 2025 Kab Hai?)
वैदिक पंचांग के अनुसार, एकादशी तिथि की शुरुआत 03 सितंबर को देर रात 03 बजकर 53 मिनट पर होगी। वहीं, एकादशी तिथि का समापन 04 सितंबर को सुबह 04 बजकर 21 मिनट पर होगा। सनातन धर्म में उदया तिथि का महत्व है। इसलिए 03 सितंबर को परिवर्तिनी एकादशी मनाई जाएगी।
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