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    Kartik Purnima का गंगा स्नान क्यों माना जाता है सबसे पवित्र, जानिए धार्मिक महत्व

    By digital deskEdited By: Suman Saini
    Updated: Sun, 02 Nov 2025 08:00 PM (IST)

    इस बार कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima 2025) 5 नवंबर को मनाई जाएगी। इस दिन पर भगवान विष्णु और महादेव की आराधना करने के विशेष महत्व माना गया है। साथ ही इस दिन पर देव दीपावली भी मनाई जाती है। चलिए एस्ट्रोलॉजर दिव्या गौतम जी से जानते हैं कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करने का क्या महत्व है।

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    Kartik Purnima 2025 (Picture Credit: Freepik) (AI Image)

    दिव्या गौतम, एस्ट्रोपत्री। कार्तिक पूर्णिमा का दिन हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र और पुण्यदायी माना गया है। इस दिन गंगा स्नान, व्रत, दान और दीपदान करने से मनुष्य को अनंत पुण्य की प्राप्ति होती है। ऐसा विश्वास है कि कार्तिक मास की पूर्णिमा को गंगा स्नान करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और आत्मा शुद्ध होकर मोक्ष के मार्ग पर अग्रसर होती है। इस दिन भगवान विष्णु, भगवान शिव और माता लक्ष्मी की पूजा का भी विशेष विधान है। गंगा तटों पर दीपदान करने से जीवन में प्रकाश, शांति और समृद्धि का संचार होता है।

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    गंगा स्नान का धार्मिक महत्व

    कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान को हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र और पुण्यदायी माना गया है। यह दिन आत्मशुद्धि, मोक्ष और ईश्वरीय कृपा प्राप्त करने का अवसर माना जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, इस तिथि पर गंगा जल में स्नान करने से सभी पापों का नाश होता है और व्यक्ति के जीवन में शुभता का संचार होता है।

    ऐसा कहा गया है कि ब्रह्म मुहूर्त में गंगा, यमुना, गोदावरी या किसी भी पवित्र नदी में स्नान करने से जन्म-जन्मांतर के दोष मिट जाते हैं और आत्मा दिव्य शुद्धि को प्राप्त करती है। इस दिन किया गया स्नान केवल शारीरिक नहीं, बल्कि आध्यात्मिक रूप से भी व्यक्ति को शांति, संतुलन और भक्ति की भावना से भर देता है।

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    (Picture Credit: Freepik) (AI Image)

    भगवान विष्णु के मत्स्य अवतार से जुड़ी मान्यता

    धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा का दिन भगवान विष्णु के मत्स्य अवतार से विशेष रूप से जुड़ा हुआ है। कहा जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु ने मत्स्य रूप में प्रकट होकर मनु को प्रलय के समय वेदों की रक्षा करने और सृष्टि को पुनः स्थापित करने का मार्ग दिखाया था।

    मत्स्य अवतार विष्णु के दस प्रमुख अवतारों में पहला माना जाता है, जो धर्म की पुनर्स्थापना और जीवन के संरक्षण का प्रतीक है। इसलिए कार्तिक पूर्णिमा पर भगवान विष्णु की पूजा, व्रत और गंगा स्नान का विशेष महत्व होता है। ऐसा करने से जीवन में धर्म, ज्ञान और आध्यात्मिक शक्ति की वृद्धि होती है।

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    लेखक: दिव्या गौतम, Astropatri.com अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए hello@astropatri.com पर संपर्क करें।