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    Lalita Saptami 2025 Date: किस दिन मनाई जाएगी ललिता सप्तमी? नोट करें शुभ मुहूर्त और योग

    Updated: Sun, 24 Aug 2025 09:00 PM (IST)

    हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी (Lalita Saptami 2025) तिथि के अगले दिन दूर्वा अष्टमी भी मनाई जाती है। दूर्वा अष्टमी के दिन भगवान कृष्ण और राधा रानी की पूजा करने से साधक के सकल मनोरथ सिद्ध हो जाते हैं। साथ ही जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख और संकट दूर हो जाते हैं।

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    Lalita Saptami 2025 Date: ललिता सप्तमी का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि के अगले दिन ललिता सप्तमी मनाई जाती है। इस शुभ अवसर पर राधा रानी और उनकी प्रिय सखी ललिता जी की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। साथ ही राधा रानी की कृपा पाने के लिए जातक व्रत भी रखते हैं।

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    इसके एक दिन बाद यानी भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर श्रीराधा रानी का जन्मोत्सव मनाया जाता है। सनातन शास्त्रों में निहित है कि भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर राधा रानी का अवतरण हुआ था। इसके लिए हर साल भाद्रपद महीने में राधा अष्टमी और ललिता सप्तमी मनाई जाती है। आइए, ललिता सप्तमी की सही डेट, शुभ मुहूर्त और योग जानते हैं-

    ललिता सप्तमी 2025 डेट और शुभ मुहूर्त (Lalita Saptami 2025 Date and Shubh Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि 29 अगस्त को रात 08 बजकर 21 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, 30 अगस्त को देर रात 10 बजकर 46 मिनट पर सप्तमी तिथि का समापन होगा। सनातन धर्म में सूर्योदय से तिथि की गणना की जाती है। इसके लिए 30 अगस्त को ललिता सप्तमी मनाई जाएगी।

    ललिता सप्तमी शुभ योग (Radha Ashtami Shubh Yog)

    भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि पर इंद्र योग का निर्माण हो रहा है। इंद्र योग का संयोग दोपहर 03 बजकर 10 मिनट तक है। इसके साथ ही त्रिपुष्कर योग का संयोग बन रहा है। त्रिपुष्कर योग दोपहर 02 बजकर 37 मिनट तक है। इसके अलावा, कई अन्य प्रमुख का संयोग ललिता सप्तमी तिथि पर बन रहे हैं। इन योग में भक्ति भाव से राधा रानी संग देवी मां ललिता की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होगी।

    पंचांग

    • सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 58 मिनट पर
    • सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 45 मिनट पर
    • चन्द्रोदय- दोपहर 12 बजकर 14 मिनट पर
    • चन्द्रास्त- रात 10 बजकर 38 मिनट पर
    • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 28 मिनट से 05 बजकर 13 मिनट तक
    • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजे से 29 मिनट से 03 बजकर 20 मिनट तक
    • गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 45 मिनट से 07 बजकर 07 मिनट तक
    • निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 59 मिनट से 12 बजकर 44 मिनट तक

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।

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