Paush Putrada Ekadashi 2025: पौष पुत्रदा एकादशी पर करें तुलसी से जुड़े उपाय, होंगे मालामाल
पौष पुत्रदा एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन तुलसी से जुड़े विशेष उपाय (Tulsi Ke Upay) करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी दोनों की कृपा प्र ...और पढ़ें

Paush Putrada Ekadashi 2025: पौष पुत्रदा एकादशी के उपाय।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत बहुत शुभ माना जाता है। यह एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित है और संतान प्राप्ति के साथ ही धन-समृद्धि के लिए भी बहुत फलदायी मानी जाती है। हिंदू धर्म में तुलसी माता को साक्षात माता लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है और एकादशी तिथि भगवान विष्णु को बेहद प्रिय है। जब एकादशी के दिन (Paush Putrada Ekadashi 2025) तुलसी से जुड़े विशेष उपाय किए जाते हैं, तो भक्त पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी दोनों की कृपा बरसती है, जिससे गरीबी दूर होती है।
तुलसी से जुड़े चमत्कारी उपाय (Tulsi Ke Upay)

घी का दीपक
तुलसी के पास दीपक जलाने से घर में सकारात्मकता आती है। ऐसे में एकादशी की शाम को स्नान करने के बाद, तुलसी के पौधे के पास शुद्ध घी का दीपक जलाएं। ध्यान रखें कि दीपक में रुई की बाती के बजाय कच्चे सूत की बाती का इस्तेमाल करें।
तुलसी की मिट्टी का तिलक
तुलसी की मिट्टी को माथे पर लगाना भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त करने का एक सरल तरीका है। ऐसे में पूजा के दौरान तुलसी की सूखी हुई थोड़ी सी मिट्टी लेकर उससे अपने माथे पर तिलक लगाएं। ऐसा करने से दुर्भाग्य दूर होता है। साथ ही नौकरी में सफलता मिलती है।
तुलसी और चावल का दान
एकादशी पर दान का बड़ा महत्व है। एकादशी के दिन किसी ब्राह्मण या जरूरतमंद को तुलसी के कुछ सूखे पत्ते और चावल का दान करें। ऐसा करने से आपकी तिजोरी हमेशा धन से भरी रहेगी।
'विष्णु सहस्रनाम' का पाठ
तुलसी के पास बैठकर विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से भगवान विष्णु जल्द प्रसन्न होते हैं। ऐसे में एकादशी के दिन, तुलसी के पौधे के सामने बैठकर विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें। इस दौरान दीपक जरूर जलाएं।
तुलसी और शालिग्राम का अभिषेक
शालिग्राम जी को भगवान विष्णु का ही स्वरूप माना जाता है। एकादशी पर तुलसी के साथ उनका अभिषेक करने से अटके हुए धन की प्राप्ति होती है। अगर आपके घर में शालिग्राम जी हैं, तो एकादशी पर उन्हें पंचामृत से स्नान कराएं और उनके ऊपर तुलसी दल अर्पित करें। एकादशी के दिन तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए। इसलिए पूजा में उपयोग के लिए तुलसी के पत्ते एक दिन पहले ही तोड़कर रख लें।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।

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