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    Pitru Paksha 2025: 6 या 7 कब है पितृ पक्ष? एक क्लिक में जानिए सभी जरूरी बातें

    पितृ पक्ष (Pitru Paksha 2025) पूर्वजों को समर्पित है। इस दौरान श्राद्ध तर्पण और पिंडदान करने का महत्व है। मान्यता है कि पितृ पक्ष में पूर्वज पृथ्वी पर आते हैं और परिवार को आशीर्वाद देते हैं। कहा जाता है कि इस अवधि में श्राद्ध करने से पितरों को मोक्ष मिलता है तो आइए इसकी सही डेट और श्राद्ध के नियम जानते हैं।

    By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Thu, 28 Aug 2025 10:25 AM (IST)
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    Pitru Paksha 2025: पितृ पक्ष का महत्व।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। पितृ पक्ष, जिसे श्राद्ध पक्ष भी कहते हैं। यह अवधि पूर्वजों को समर्पित है। इस दौरान पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि पितृ पक्ष में हमारे पूर्वज पृथ्वी पर आते हैं और अपने परिवार को आशीर्वाद देते हैं। यह समय उनकी आत्मा को मुक्ति दिलाने और उनके प्रति सम्मान दिखाने का होता है।

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    इस साल पितृ पक्ष (Pitru Paksha 2025) की शुरुआत कब होगी, इसे लेकर लोगों के मन में थोड़ी कन्फूयजन है, तो आइए जानते हैं कि पितृ पक्ष 6 या 7 सितंबर कब से शुरू हो रहा है?

    पितृ पक्ष 2025 6 या 7 सितंबर? (Pitru Paksha Date And Time)

    हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल भाद्रपद महीने की पूर्णिमा तिथि 07 सितंबर को देर रात 01 बजकर 41 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इसका समापन 07 सितंबर को ही रात 11 बजकर 38 मिनट पर होगा। पंचांग को देखते हुए इस साल पितृ पक्ष की शुरुआत 07 सितंबर 2025 से होगी। साथ ही इसकी समाप्ति 21 सितंबर 2025 को होगी।

    पितृ पक्ष का महत्व (Pitru Paksha 2025 Significance)

    पितृ पक्ष में श्राद्ध करने से पितरों को मोक्ष मिलता है और वे खुश होकर अपने वंशजों को आशीर्वाद देते हैं। इस दौरान किए गए दान-पुण्य और तर्पण से परिवार में सुख-समृद्धि आती है और सभी तरह के कष्ट दूर होते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दौरान पितरों से जुड़े अनुष्ठान करने से कुंडली से पितृ दोष समाप्त होता है।

    श्राद्ध के नियम (Pitru Paksha 2025 Shradh Niyam)

    • पितृ पक्ष के दौरान रोज सुबह स्नान करने के बाद दक्षिण दिशा की ओर मुख करके जल में काला तिल मिलाकर तर्पण करना चाहिए।
    • श्राद्ध के दिन किसी ब्राह्मण को घर पर बुलाकर भोजन कराना शुभ माना जाता है। भोजन में खीर, पूड़ी, और उनकी पसंद की अन्य चीजें शामिल करनी चाहिए।
    • श्राद्ध के बाद जरूरतमंदों को क्षमतानुसार दान देना चाहिए।
    • पितृ पक्ष के 15 दिनों तक घर में सात्विक भोजन ही बनाना चाहिए। लहसुन, प्याज और मांसाहार का सेवन पूरी तरह से वर्जित माना गया है।
    • इस दौरान घर और मन दोनों को साफ और पवित्र रखना चाहिए।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।