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    Sankashti Chaturthi 2025: सावन महीने में कब है गजानन संकष्टी चतुर्थी? नोट करें शुभ मुहूर्त एवं योग

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Sun, 29 Jun 2025 04:16 PM (IST)

    सनातन धर्म में सावन (Sankashti Chaturthi 2025 Date) महीने का खास महत्व है। इस महीने में सावन शिवरात्रि मनाई जाती है। इस शुभ अवसर पर भगवान शिव और मां पार्वती की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से हर मनोकामना पूरी होती है।

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    Gajanan Sankasthi Chaturthi 2025: गजानन संकष्टी चतुर्थी का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, 11 जुलाई से सावन का महीना प्रारंभ हो रहा है। यह महीना पूर्णतया देवों के देव महादेव को समर्पित होता है। इस महीने में भगवान शिव और मां पार्वती की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। इसके साथ ही सावन सोमवार पर व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है।

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    इस महीने में कई प्रमुख व्रत-त्योहार मनाए जाते हैं। इनमें गजानन संकष्टी चतुर्थी कृष्ण पक्ष में मनाई जाती है। इस शुभ अवसर पर भगवान गणेश की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। साथ ही आय और सौभाग्य में वृद्धि पाने के लिए व्रत रखा जाता है। आइए, गजानन संकष्टी चतुर्थी की सही डेट और शुभ मुहूर्त जानते हैं-

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    शुभ मुहूर्त

    हर साल सावन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर गजानन संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है। वैदिक पंचांग के अनुसार, सावन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 14 जुलाई को देर रात 01 बजकर 02 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, 14 जुलाई को देर रात 11 बजकर 59 मिनट पर चतुर्थी तिथि समाप्त होगी। सनातन धर्म में सूर्योदय से दिन की गणना की जाती है। इसके लिए 14 जुलाई को गजानन संकष्टी चतुर्थी मनाई जाएगी।

    शुभ योग

    ज्योतिषियों की मानें तो गजानन संकष्टी चतुर्थी पर आयुष्मान और सौभाग्य योग का निर्माण हो रहा है। आयुष्मान योग शाम 04 बजकर 14 मिनट तक है। इसके बाद सौभाग्य योग का संयोग बन रहा है। इन योग में भगवान गणेश की पूजा करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होगी। साथ ही जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख और संकट दूर हो जाएंगे।

    पंचांग

    • सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 33 मिनट पर
    • सूर्यास्त - शाम 07 बजकर 21 मिनट पर
    • चन्द्रोदय- रात 09 बजकर 55 मिनट पर
    • चन्द्रास्त- सुबह 08 बजकर 43 मिनट पर
    • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 11 मिनट से 04 बजकर 52 मिनट तक
    • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 45 मिनट से 03 बजकर 40 मिनट तक
    • गोधूलि मुहूर्त - शाम 07 बजकर 20 मिनट से 07 बजकर 40 मिनट तक
    • निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 07 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।

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