Vinayaka Chaturthi 2025 Date: कब है विनायक चतुर्थी? यहां जानें शुभ मुहूर्त और योग
हर साल सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी मनाई जाती है। इससे पहले तृतीया तिथि के अगले दिन विनायक चतुर्थी (Vinayak Chaturthi 2025) धूमधाम से मनाई जाती है। इस शुभ अवसर पर देवों के देव महादेव और भगवान गणेश की भक्ति भाव से पूजा की जाती है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सावन का महीना बेहद पावन होता है। यह महीना देवों के देव महादेव को समर्पित होता है। इस महीने में भगवान शिव और मां पार्वती की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। साथ ही सावन सोमवार का व्रत रखा जाता है। इसके साथ ही कई अन्य प्रमुख पर्व सावन महीने में मनाए जाते हैं।
सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के अगले दिन विनायक चतुर्थी मनाई जाती है। इस दिन भगवान गणेश की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। साथ ही विशेष काम में सफलता और मनचाही मुराद पाने के लिए साधक व्रत रखते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि सावन महीने में विनायक चतुर्थी कब मनाई जाएगी? आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-
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कब है विनायक चतुर्थी
हर साल सावन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन विनायक चतुर्थी मनाई जाती है। इस साल 24 जुलाई को हरियाली अमावस्या है। वहीं, हरियाली अमावस्या या सावन अमावस्या के चार दिन बाद विनायक चतुर्थी मनाई जाती है। इस शुभ अवसर पर भगवान गणेश की पूजा की जाती है।
विनायक चतुर्थी शुभ मुहूर्त (Vinayaka Chaturthi 2025 Shubh Muhurat)
वैदिक पंचांग के अनुसार, 27 जुलाई को देर रात 10 बजकर 41 मिनट पर सावन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी की शुरुआत होगी। वहीं, 28 जुलाई को देर रात 11 बजकर 24 मिनट पर सावन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि का समापन होगा। सनातन धर्म में सूर्योदय से तिथि की गणना की जाती है। इसके लिए 28 जुलाई को विनायक चतुर्थी मनाई जाएगी।
विनायक चतुर्थी शुभ योग (Vinayaka Chaturthi 2025 Shubh Yog)
सावन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर कई मंगलकारी संयोग बन रहे हैं। इन योग में शिव परिवार की पूजा की जाएगी। इस शुभ अवसर पर परिघ, हर्षण और रवि योग का संयोग बन रहा है। हर्षण योग का संयोग रात भर है। वहीं, रवि योग शाम 05 बजकर 35 मिनट तक है। इन योग में भगवान गणेश की पूजा करने से साधक के सुख और सौभाग्य में वृद्धि होगी।
पंचांग
- सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 40 मिनट पर
- सूर्यास्त - शाम 07 बजकर 15 मिनट पर
- चन्द्रोदय- सुबह 08 बजकर 55 मिनट पर
- चन्द्रास्त- रात 09 बजकर 34 मिनट पर
- ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 17 मिनट से 04 बजकर 59 मिनट तक
- विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 43 मिनट से 03 बजकर 37 मिनट तक
- गोधूलि मुहूर्त - शाम 07 बजकर 15 मिनट से 07 बजकर 36 मिनट तक
- निशिता मुहूर्त - रात 12 बजकर 07 मिनट से 12 बजकर 49 मिनट तक
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