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    Sawan 2025: सावन महीने में कब मनाई जाएगी विनायक चतुर्थी? यहां जानें सही डेट एवं शुभ मुहूर्त

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Tue, 01 Jul 2025 02:05 PM (IST)

    हर साल सावन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के अगले दिन पुत्रदा एकादशी मनाई जाती है। यह पर्व भगवान विष्णु को समर्पित है। इससे पहले तृतीया तिथि के अगले दिन विनायक चतुर्थी (Vinayak Chaturthi 2025) मनाई जाती है। इस शुभ अवसर पर भगवान गणेश की भक्ति भाव से पूजा की जाती है।

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    Vinayak Chaturthi 2025: विनायक चतुर्थी का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि भगवान गणेश को समर्पित माना जाता है। इस शुभ अवसर पर भगवान गणेश की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। साथ ही भगवान गणेश के निमित्त चतुर्थी का व्रत रखते हैं। इस व्रत को करने से साधक के आय और सौभाग्य में वृद्धि होती है और सभी प्रकार के संकटों से मुक्ति मिलती है।

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    साधक हर महीने चतुर्थी तिथि पर भक्ति भाव से भगवान गणेश की पूजा करते हैं। इसके साथ ही चतुर्थी तिथि पर दान-पुण्य भी किया जाता है। आइए, सावन विनायक चतुर्थी की सही डेट एवं शुभ मुहूर्त जानते हैं-

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    विनायक चतुर्थी शुभ मुहूर्त (Vinayaka Chaturthi 2025 Shubh Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, सावन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 27 जुलाई को देर रात 10 बजकर 41 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, 28 जुलाई को देर रात 11 बजकर 24 मिनट पर चतुर्थी तिथि समाप्त होगी। तिथि गणना से 28 जुलाई को विनायक चतुर्थी मनाई जाएगी।

    विनायक चतुर्थी शुभ योग (Vinayaka Chaturthi 2025 Shubh Yog)

    ज्योतिषियों की मानें तो सावन माह की विनायक चतुर्थी पर दुर्लभ परिघ योग का संयोग बन रहा है। हर्षण योग का संयोग रात भर है। साथ ही रवि योग का भी संयोग है। रवि योग सुबह 05 बजकर 40 मिनट से लेकर शाम 05 बजकर 35 मिनट तक है। इन योग में स्नान-ध्यान कर भगवान गणेश की पूजा करने से आरोग्य जीवन का वरदान मिलेगा। साथ ही सभी प्रकार के शुभ कामों में सफलता मिलेगी।

    पंचांग

    • सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 40 मिनट पर
    • सूर्यास्त - शाम 07 बजकर 15 मिनट पर
    • चन्द्रोदय- सुबह 08 बजकर 55 मिनट पर
    • चन्द्रास्त- रात 09 बजकर 34 मिनट पर
    • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 17 मिनट से 04 बजकर 59 मिनट तक
    • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 43 मिनट से 03 बजकर 37 मिनट तक
    • गोधूलि मुहूर्त - शाम 07 बजकर 15 मिनट से 07 बजकर 36 मिनट तक
    • निशिता मुहूर्त - रात 12 बजकर 07 मिनट से 12 बजकर 49 मिनट तक

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।

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