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Shardiya Navratri 2024 Day 4: इस विधि से करें मां कुष्मांडा की पूजा, जानें शुभ मुहूर्त, भोग और फूल

सनातन शास्त्रों में मां दुर्गा के 9 रूपों के बारे में विशेष वर्णन मिलता है। शारदीय नवरात्र के चौथे दिन मां कूष्मांडा की पूजा-अर्चना करने का विधान है। शास्त्रों में निहित है कि ब्रह्मांड की रचनाकार मां कूष्मांड (Maa Kushmanda Puja Vidhi) का सूर्यमंडल में वास होता है। मां कूष्मांडा की सच्चे मन से उपासना करने से सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Sun, 06 Oct 2024 12:50 PM (IST)
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Shardiya Navratri 2024: मां कुष्मांडा की ऐसे करें पूजा

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Shardiya Navratri 2024 Day 4: देशभर में शारदीय नवरात्र का पर्व बहुत धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। इस उत्सव के चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा-अर्चना करने का विधान है। साथ ही जीवन के दुख-दर्द को दूर करने के लिए व्रत भी किया जाता है। मां के मुखमंडल से तेज प्रकट होता है। वही, सूर्य को प्रकाशवान बनाता है। ऐसे में आइए जानते हैं मां कुष्मांडा (Maa Kushmanda) की पूजा का शुभ मुहूर्त, भोग और पूजा विधि समेत आदि महत्वपूर्ण बातों के बारे में।

मां कुष्मांडा की पूजा का शुभ मुहूर्त (Shardiya Navratri 2024 4 day Muhurat)

पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के शुक्ल की चर्तुथी तिथि की शुरुआत 06 अक्टूबर को सुबह 07 बजकर 49 मिनट से होगी। वही, इसका समापन 07 अक्टूबर को 09 बजकर 47 मिनट पर होगा।

शुभ मुहूर्त

रवि योग - सुबह 06 बजकर 17 मिनट से अगले दिन मध्य रात्रि 12 बजकर 11 मिनट तक

ब्रह्म मुहूर्त - 04 बजकर 39 मिनट से 05 बजकर 28 मिनट तक

विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 06 मिनट से 02 बजकर 53 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 03 मिनट से 06 बजकर 28 मिनट तक

निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 45 मिनट से 12 बजकर 34 मिनट तक।

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मां कुष्मांडा की पूजा विधि

शारदीय नवरात्र के चौथे दिन सुबह जल्दी उठें और दिन की शुरुआत मां के ध्यान से करें। दैनिक कार्यों से निवृत होने के बाद स्नान कर वस्त्र धारण करें। अब मां कुष्मांडा को फल, फूल, धूप, दीप, हल्दी, चंदन, कुमकुम समेत आदि चीजें अर्पित करें। दीपक जलाकर आरती करें और मंत्रों का जप करें। अंत में मां कुष्मांडा की आरती करें। व्रत कथा का पाठ करें। भोग में मालपुआ शामिल करें। मां से जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति के लिए कामना करें।

मां कुष्मांडा के भोग

ऐसा माना जाता है कि मां कुष्मांडा को मालपुआ प्रिय है। इसका भोग लगाने से जातक को मां कुष्मांडा का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

मां कुष्मांडा के प्रिय फूल

मां कुष्मांडा को पीले रंग के फूल और चमेली के फूल अर्पित करने चाहिए। इससे जातक को आरोग्य जीवन की प्राप्ति होती है।

मां कुष्मांडा के मंत्र

1. या देवी सर्वभू‍तेषु माँ कूष्मांडा रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

2. ‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै’

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।