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Surya Grahan 2024: सर्वपितृ अमावस्या पर रहेगा सूर्य ग्रहण का साया, जानें कब और कहां दिखेगा इसका असर

हर महीने में अमावस्या मनाई जाती है। इसका धार्मिक दृष्टि से अधिक महत्व है। आश्विन माह की अमावस्या पर पितृ पक्ष का समापन होता है। धार्मिक मत है कि अमावस्या तिथि पर विधिपूर्वक पितरों को तर्पण करने से पूर्वज प्रसन्न होते हैं। इस तिथि को सर्वपितृ अमावस्या के नाम से जाना जाता है। इसी दिन साल का अंतिम सूर्य ग्रहण ( Solar Eclipse 2024 Shadow) भी है।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Wed, 02 Oct 2024 06:27 PM (IST)
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Solar Eclipse 2024: सूर्य ग्रहण से जुड़ी अहम बातें
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में सूर्य ग्रहण का विशेष महत्व है। जब चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य के बीच से गुजरता है, तो ऐसे में सूर्य (Surya Grahan Kab Lagega)की रोशनी धरती तक नहीं पहुंच पाती है। इस घटना को सूर्य ग्रहण के नाम से जाना जाता है। सूर्य ग्रहण की अवधि के दौरान शुभ कार्य और पूजा-पाठ नहीं करना चाहिए। मान्यता है कि इन कार्यों को करने से शारीरिक और मानसिक सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इस बार सर्वपितृ अमावस्या (Surya Grahan 2 October 2024) आज यानी 02 अक्टूबर को मनाई जा रही है। इस दिन वर्ष का अंतिम सूर्य ग्रहण भी है। ऐसे में आइए जानते हैं इस ग्रहण का असर कब और कहां दिखाई देगा?

इस दिन लगेगा सूर्य ग्रहण

पंचांग के अनुसार, आश्विन माह की अमावस्या आज यानी 02 अक्टूबर (Solar Eclipse 2024 Date) को वर्ष का अंतिम सूर्य ग्रहण है।

सूर्य ग्रहण 2024 टाइम

02 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण (2 october 2024 Grahan Time in India) की शुरुआत रात 09 बजकर 13 मिनट से होगी। वहीं, इसका समापन मध्यरात्रि में 03 बजकर 17 मिनट पर होगा।

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कहां दिखेगा सूर्य ग्रहण?

साल 2024 का अंतिम सूर्य ग्रहण सर्वपितृ अमावस्या (Sarva Pitru Amavasya Solar Eclipse Shadow) पर लगेगा। यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। इसी वजह से इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा। सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse 2024 Shadow) पेरू, फिजी, प्रशांत महासागर, आर्कटिक और दक्षिणी अमेरिका समिति आदि देशों में देखने को मिलेगा।

करें ये काम

सूर्य ग्रहण (Grahan in October 2024) के समय पूजा-पाठ करना वर्जित है, लेकिन आप मन ही मन में किसी भी प्रभु के नाम का जप कर सकते हैं। इस दौरान गायत्री मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र का जप करना फलदायी साबित होता है। मान्यता है कि ऐसा करने से ग्रहण के नकारात्मक प्रभाव से बचाव होता है। ग्रहण में भोजन, दूध, लस्सी, पनीर समेत अदि चीजों में तुलसी का पत्ता या कुश डाल देना चाहिए। ऐसा करने से यह चीजें सूर्य ग्रहण के प्रभाव से मुक्त हो जाती हैं। इसके बाद श्रद्धा अनुसार गरीब लोगों में अन्न, धन और वस्त्र का दान करना चाहिए।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।'