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    Pradosh Vrat 2025 November: सोम प्रदोष व्रत पर करें इस कथा का पाठ, दूर होंगे सभी कष्ट

    Updated: Mon, 17 Nov 2025 11:05 AM (IST)

    सोम प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित है और इसका अत्यधिक महत्व है। यह व्रत हर माह की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है, और सोमवार को पड़ने पर इसका फल और बढ़ जाता है। इस दिन (Som Pradosh Vrat 2025 Katha) प्रदोष काल में शिव-पार्वती की पूजा और व्रत कथा का पाठ करने से जीवन के सभी दुख, रोग और दरिद्रता दूर होती है। 

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    Pradosh Vrat 2025 November: सोम प्रदोष व्रत कथा।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का बहुत ज्यादा महत्व है। यह भगवान शिव को समर्पित है। प्रदोष व्रत हर माह की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। जब यह तिथि सोमवार को आती है, तो इसका शुभ फल और भी बढ़ जाता है। इस साल सोम प्रदोष व्रत 17 नवंबर 2025 यानी आज के पड़ रहा है। इस दिन प्रदोष काल शिव-पार्वती की पूजा के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।

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    इस दौरान पूजा करने और विशेष रूप से प्रदोष व्रत कथा का पाठ करने से जीवन के सभी दुख, रोग और दरिद्रता दूर होती है, तो आइए इसकी व्रत कथा (Pradosh Vrat 2025) का पाठ करते हैं।

    सोम प्रदोष व्रत की पावन कथा (Som Pradosh Vrat 2025 Katha)

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    एक समय की बात है। एक नगर में एक बहुत गरीब लेकिन धर्मपरायण ब्राह्मण रहता था। उसकी पत्नी बेहद सुंदर और सुशील थी। गरीबी के कारण वे भिक्षा मांगकर जीवन यापन करते थे। एक दिन, भिक्षा मांगने के दौरान उस ब्राह्मण को एक राजकुमार घायल अवस्था में मिला। वह राजकुमार विदर्भ देश का था, जिसके पिता को शत्रुओं ने मारकर उसका राज्य छीन लिया था। ब्राह्मण दंपति ने राजकुमार को अपने घर लाकर उसकी सेवा की। कुछ दिनों बाद, ब्राह्मण अपनी पत्नी और राजकुमार के साथ भिक्षा के लिए नगर को जा रहा था। रास्ते में उनकी मुलाकात एक संत से हुई। संत ने ब्राह्मण को बताया कि आज सोम प्रदोष व्रत है, और इस दिन विधि-विधान से शिवजी की पूजा (Shiva Worship) करने से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं और दरिद्रता का नाश होता है।

    ब्राह्मण दंपति और राजकुमार ने संत के बताए अनुसार सोम प्रदोष व्रत रखा और प्रदोष काल (Pradosh Kaal) में भगवान शिव की विधिवत पूजा की। उन्होंने यह व्रत पूरी निष्ठा और श्रद्धा से किया।

    प्रदोष व्रत के प्रभाव से राजकुमार फिर से अपने राज्य को पाने में सफल रहा। इसके साथ ही उसने ब्राह्मण दंपति को बहुत सारा धन और संपत्ति देकर उनका जीवन सुखी बना दिया।

    कथा पाठ के लाभ (Katha Path Benefits)

    सोम प्रदोष व्रत की कथा का पाठ करने से जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं। जिस तरह ब्राह्मण दंपति की गरीबी दूर हुई, उसी तरह इस कथा का पाठ जो भी साधक करते हैं, उनके घर में भी सुख-समृद्धि आती है। सच्चे मन से यह व्रत और इसकी कथा का पाठ करने वाले की सभी इच्छाएं भगवान शिव और माता पार्वती पूरी करते हैं।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।