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    Surya Grahan 2025 Date: सर्वपितृ अमावस्या पर सूर्य ग्रहण का साया, भारत में दिखाई देगा या नहीं? पढ़ें सबकुछ

    Updated: Wed, 10 Sep 2025 12:14 PM (IST)

    सनातन धर्म में अमावस्या का विशेष महत्व है। वैदिक पंचांग के अनुसार आश्विन माह में सर्वपितृ अमावस्या का पर्व मनाया जाएगा। इस बार सर्वपितृ अमावस्या पर सूर्य ग्रहण (Surya Grahan 2025) का साया रहेगा। सनातन धर्म में ग्रहण को शुभ नहीं माना जाता है। इस दौरान पूजा-अर्चना करना वर्जित है। ऐसे में चलिए जानते हैं सूर्य ग्रहण से जुड़ी खास बातें।

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    Solar Eclipse 2025: सूर्य ग्रहण से जुड़े नियम

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सर्वपितृ अमावस्या पर पितृ पक्ष का समापन होता है। इस दिन पितरों का तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध किया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, सर्वपितृ अमावस्या पर इन कामों को करने से पूर्वज प्रसन्न होते हैं और उनकी आत्मा को शांति प्राप्त होती है। साथ ही पितृ दोष दूर होता है। वैदिक पंचांग के अनुसार, इस बार सर्वपितृ अमावस्या 21 सितंबर को मनाई जाएगी।

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    इस दिन साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण लगेगा। ग्रहण से पहले सूतक काल लगता है। सूतक काल में नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव अधिक बढ़ जाता है। इसलिए सूर्य देव के मंत्रों का जप करना शुभ माना जाता है।

    सूर्य ग्रहण 2025 डेट और टाइम (Surya Grahan 2025 Date and Time)

    सूर्य ग्रहण (surya grahan 2025 mein kab lagega) की शुरुआत 21 सितंबर (surya grahan 2025 in india date and time) की रात 10 बजकर 59 मिनट पर होगी और समापन रात 03 बजकर 23 मिनट पर होगा। यह आंशिक सूर्य ग्रहण है और भारत में नजर नहीं आएगा।

    भारत में सूतक काल मान्य होगा या नहीं? (Surya Grahan 2025 Sutak)

    सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले सूतक काल की शुरुआत होती है। भारत में सूर्य ग्रहण दिखाई न देने की वजह से सूतक काल मान्य नहीं होगा। शारदीय नवरात्र से पहले लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। इसका प्रभाव न्यूजीलैंड, अंटार्कटिका, दक्षिण प्रशांत महासागर और दक्षिण ऑस्ट्रेलिया के हिस्सों में पड़ेगा।

    ग्रहण के बाद करें ये काम

    • सूर्य ग्रहण खत्म होने के बाद स्नान कर मंदिर और घर की साफ-सफाई करें।
    • इसके बाद गंगाजल का छिड़काव कर शुद्ध करें। ऐसा माना जाता है कि इस उपाय को करने से सूर्य ग्रहण का नकारात्मक प्रभाव दूर होता है।
    • देवी-देवता की पूजा-अर्चना करें।
    • मंदिर में विशेष चीजों का दान करें।

    ध्यान रखें ये बातें

    • सूर्य ग्रहण शुरू होने से पहले मंदिर के कपाट बंद कर दें।
    • भोजन का सेवन न करें।
    • भोजन में तुलसी के पत्ते डाल दें। इससे सूर्य ग्रहण का अशुभ प्रभाव खाने की चीजों पर नहीं पड़ेगा।
    • ग्रहण के दौरान भूलकर भी गर्भवती महिलाएं घर से बाहर न निकलें।
    • इसके अलावा कोई भी शुभ और मांगलिक काम न करें।

    अशुभ प्रभाव होगा दूर

    सूर्य ग्रहण के अशुभ प्रभाव से छुटकारा पाने के लिए सुबह स्नान करने के बाद पीपल के पेड़ पर जल अर्पित करें। दीपक जलाकर परिक्रमा लगाएं। ऐसा करने से साधक को शुभ फल मिलता है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।