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    Tulsi Puja: कब नहीं चढ़ाना चाहिए तुलसी को जल? जान लें तिथि वरना बढ़ जाएंगी मुश्किलें

    Updated: Mon, 08 Dec 2025 04:30 PM (IST)

    हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को पवित्र माना जाता है, लेकिन शास्त्रों के अनुसार कुछ विशेष दिनों पर तुलसी पर जल चढ़ाना या छूना वर्जित है। इन नियमों का प ...और पढ़ें

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    Tulsi Puja: तुलसी पूजा के नियम।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को बहुत पवित्र और पूजनीय माना जाता है। उन्हें माता लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है और वे भगवान विष्णु को भी बेहद प्रिय हैं। तुलसी में नियमित रूप से जल चढ़ाने और उनकी पूजा (Tulsi Puja) करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। हालांकि, शास्त्रों में कुछ ऐसी तिथियां (Auspicious Tulsi Watering) और दिन बताए गए हैं, जब तुलसी पर जल चढ़ाना और छूना वर्जित माना जाता है। कहा जाता है कि इन नियमों का उल्लंघन करने पर माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु नाराज हो सकते हैं। इससे घर में मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

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    तुलसी को जल न चढ़ाने की प्रमुख तिथियां (Tulsi Watering Restriction)

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    AI Genereted

    एकादशी तिथि (Ekadashi Tithi)

    एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है। पद्म पुराण के अनुसार, एकादशी के दिन तुलसी माता ने भगवान विष्णु के लिए निर्जला व्रत रखा था। इसलिए इस दिन जल अर्पित करने से उनका व्रत टूट जाता है। ऐसे में हर महीने आने वाली दोनों एकादशी (शुक्ल और कृष्ण पक्ष) पर तुलसी को जल नहीं चढ़ाना चाहिए और न ही उनके पत्ते तोड़ने चाहिए।

    रविवार का दिन (Sunday)

    रविवार का दिन सूर्य देव को समर्पित होता है। ऐसी मान्यता है कि रविवार के दिन तुलसी माता आराम करती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, तुलसी ने रविवार के दिन पानी न देने का वरदान मांगा था। ऐसे में रविवार को तुलसी को जल देने से बचना चाहिए। इस दिन तुलसी को छूना भी अशुभ माना जाता है।

    चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण

    ग्रहण काल को शास्त्रों में अशुभ माना जाता है। इस दौरान नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ जाता है। इसलिए चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण की अवधि में तुलसी के पौधे को छूना या जल चढ़ाना वर्जित होता है। ग्रहण से पहले तुलसी के पास रखे जल को हटा भी देना चाहिए।

    संक्रांति का दिन (Sankranti)

    संक्रांति के दिन सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं। इस दौरान भी तुलसी को जल चढ़ाने के लिए शुभ नहीं माना जाता है। ऐसे में जिस दिन संक्रांति पड़ती है, उस दिन तुलसी की पूजा तो करनी चाहिए, लेकिन जल अर्पित नहीं करना चाहिए।

    रात के समय

    शास्त्रों के अनुसार, सूर्यास्त के बाद तुलसी को छूना नहीं चाहिए और न ही जल अर्पित करना चाहिए। तुलसी को जल अर्पित करने का सबसे अच्छा समय सूर्योदय होता है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।