Vidur Niti: किन लोगों से नहीं लेनी चाहिए सलाह, वरना बिगड़ जाएगा बना-बनाया काम
महाभारत के युद्ध से पहले उसके परिणाम को लेकर धृतराष्ट्र और महात्मा विदुर के बीच जो संवाद हुआ था उसे विदुर-नीति के रूप में जाना जाता है। इसकी प्रासंगिकता आज भी बनी हुई है। ऐसे में आज हम आपको विदुर नीति के अनुसार यह बताने जा रहे हैं कि आपको किन लोगों से दूरी बनाकर रखनी चाहिए।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। महात्मा विदुर कुशाग्र बुद्धि वाले और दूरदर्शी व्यक्ति थे, जिनका वर्णन महाभारत ग्रंथ में मिलता है। उनकी नीति आज के समय में भी काफी लोकप्रिय और प्रासंगिक बनी हुई है। विदुर नीति में सफलता प्राप्ति के कई सूत्र बताए गए हैं, जो व्यक्ति को बहुत ही काम आ सकते हैं। ऐसे में आज हम आपको विदुर नीति में बताए गए कुछ ऐसे लोगों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनसे कभी भी सलाह नहीं लेनी चाहिए।
इन लोगों से न लें सलाह
महात्मा विदुर का कहना है कि कभी भी ऐसे लोगों से कभी सलाह नहीं लेनी चाहिए, जो हमेशा जल्दी में रहते हैं या फिर बिना सोचे-समझे काम करते हैं। क्योंकि ऐसे लोग खुद का तो काम बिगाड़ते ही हैं, साथ ही दूसरों का काम भी खराब कर देते हैं।
हो सकता है नुकसान
महात्मा विदुर के अनुसार, अपने जीवन की महत्वपूर्ण सलाह कभी भी किसी चापलूस व्यक्ति से नहीं लेनी चाहिए। क्योंकि ये लोग सिर्फ अपने भले के बारे में ही सोचते हैं और उसी के अनुसार आपको सलाह देते हैं। फिर चाहे उसमें आपका नुकसान हो या फायदा। ऐसे में यदि आप इन लोगों से सलाह लेते हैं, तो इससे आप नुकसान में भी पड़ सकते हैं।
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भारी पड़ सकती है इनकी सलाह
महात्मा विदुर ने अपनी नीतिग्रंथ में ऐसे लोगों की सलाह लेने से भी मना किया गया है, जिन्हें संबंधित विषय की कोई जानकारी न हो। क्योंकि ऐसे व्यक्ति से सलाह लेना बिल्कुल भी समझदारी का काम नहीं है। इससे आपका ही नुकसान होगा। इसके साथ ही कभी भी मूर्ख व्यक्ति से भी किसी तरह की सलाह लेने से बचना चाहिए। क्योंकि उनकी सलाह से लिए गए फैसले भी आपको मुसीबत में डाल सकते हैं।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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