Weekly Vrat Tyohar 26 May To 01 June 2025: कब है वट सावित्री व्रत-शनि जयंती? नोट करें त्योहार की डेट
हर साल ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि पर वट सावित्री व्रत किया जाता है। सुहागिन महिलाएं व्रत के साथ बरगद के पेड़ की पूजा-अर्चना करती हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस व्रत को करने से सुहागिन महिलाओं को शुभ फल की प्राप्ति होती है। ऐसे में आइए जानते हैं कि इस सप्ताह में कौन-से व्रत और पर्व मनाए जाएंगे।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में ज्येष्ठ माह को विशेष महत्व दिया गया है। इस माह में कई व्रत और पर्व मनाए जाते हैं। अब मई के नए सप्ताह की शुरुआत होने जा रही है। इस सप्ताह में वट सावित्री व्रत और शनि जयंती समेत कई पर्व मनाए जाएंगे। ऐसे में चलिए जानते हैं इस सप्ताह के व्रत और त्योहार (Weekly Vrat Tyohar 2025) की पूरी लिस्ट।
वट सावित्री व्रत 2025 डेट और शुभ मुहूर्त (Vat Savitri Vrat 2025 Date and Shubh Muhurat)
ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि की शुरुआत- 26 मई को 12 बजकर 11 मिनट पर
ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि का समापन- 27 मई को सुबह 08 बजकर 31 मिनट पर
ऐसे में 26 मई को वट सावित्री व्रत किया जाएगा और अगले दिन यानी 27 मई को ज्येष्ठ अमावस्या, रोहिणी व्रत और शनि जयंती का पर्व मनाया जाएगा।
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कब है महाराणा प्रताप जयंती 2025 (Maharana Pratap Jayanti 2025 Date)
वैदिक पंचांग के अनुसार, हर वर्ष ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर मेवाड़ के वीर योद्धा महाराणा प्रताप की जयंती मनाई जाती है। इस बार महाराणा प्रताप जयंती 29 मई को मनाई जाएगी।
विनायक चतुर्थी 2025 डेट और शुभ मुहूर्त (Vinayak Chaturthi 2025 Date and Shubh Muhurat)
वैदिक पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर विनायक चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है। चतुर्थी तिथि की शुरुआत 29 मई को देर रात 11 बजकर 18 मिनट पर होगी और अगले दिन यानी 30 मई को रात 09 बजकर 22 मिनट पर तिथि खत्म हो रही है। इस प्रकार 30 मई को विनायक चतुर्थी व्रत किया जाएगा।
गणेश मंत्र
ऊँ वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटि समप्रभ ।
निर्विघ्नं कुरू मे देव, सर्व कार्येषु सर्वदा ॥
ऊँ एकदन्ताय विहे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्तिः प्रचोदयात् ॥
ऊँ गं गणपतये नमो नमः
ॐ गं गणपतये नमः
“ॐ वक्रतुंडाय हुम्”
आर्थिक प्रगति हेतु मंत्र
ॐ एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥
ॐ महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥
ॐ गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥
शुभ लाभ गणेश मंत्र
ॐ श्रीं गं सौभाग्य गणपतये वर्वर्द सर्वजन्म में वषमान्य नम:।।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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