Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Lunar Eclipse 2025: अगला चंद्र ग्रहण कब है, क्या माना जाएगा सूतक काल… जानिए इस बारे में सब कुछ

    Updated: Wed, 02 Jul 2025 01:40 PM (IST)

    Lunar Eclipse 2025 साल 2025 का दूसरा चंद्र ग्रहण 7 सितंबर को भाद्रपद पूर्णिमा पर लगेगा। यह पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा जो भारत समेत एशिया यूरोप ऑस्ट्रेलिया अमेरिका और अफ्रीका में दिखाई देगा। चंद्र ग्रहण रात 9 बजकर 57 मिनट पर शुरू होकर सुबह 1 बजकर 26 मिनट तक चलेगा।

    Hero Image
    चंद्र ग्रहण के दौरान पूजा-पाठ सहित कई कार्य वर्जित होते हैं।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। साल 2025 में पहला चंद्र ग्रहण होली के दिन 14 मार्च 2025 को लगा था। मगर, क्या आपको पता है कि साल 2025 का दूसरा चंद्र ग्रहण (Second Lunar Eclsipse 2025) कब है? खगोलविदों के साथ ही आम लोग भी आसमान में होने वाली इस अद्भुत घटना को कब देख सकेंगे? क्या भारत पर इसका असर रहेगा?

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    क्या इसका सूतक काल मान्य होगा? तो हम आपको बता देते हैं साल 2025 का दूसरा चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan 2025 Date and timing) भाद्रपद महीने की पूर्णिमा तिथि पर 7 सिंतबर की रात में लगेगा। यह पूर्ण चंद्र ग्रहण (Full Lunar Eclipse) होगा। 

    बताते चलें कि जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है, तो सूर्य का प्रकाश चंद्रमा तक नहीं पहुंच पाता। पृथ्वी की छाया में चंद्रमा के चले जाने की वजह से चंद्र ग्रहण लगता है। यह खगोलीय घटना सिर्फ पूर्णिमा के दिन ही होती है, जब तीनों खगोलीय पिंड एक सीधी रेखा में आ जाते हैं। 

    भारत में मान्य होगा सूतक काल 

    साल का दूसरा चंद्र ग्रहण भारत के अलावा पूरे एशिया, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, पश्चिमी और उत्तरी अमेरिका, न्यूजीलैंड, अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका में दिखाई देगा। यह ग्रहण रात 9 बजकर 57 मिनट पर शुरू होकर 8 सितंबर की सुहर 1 बजकर 26 मिनट तक चलेगा।

    यह भी पढ़ें- Solar Eclipse 2025: जानिए कब लग रहा है साल का आखिरी सूर्य ग्रहण, किन दो राशियों पर पड़ेगा असर

    कुल मिलाकर 3 घंटे 28 मिनट तक चलने वाली यह खगोलीय घटना भारत में भी दिखने की वजह से इसका सूतक काल मान्य होगा। चंद्र ग्रहण से 9 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है। इस समय पर कई काम करने की मनाही होती है। सूतक काल में यात्रा करना, खाने-पीना नहीं चाहिए। 

    सुई या नुकीली चीजों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इस दौरान मंदिरों में पूजा-पाठ नहीं किए जाते हैं। मंदिरों के पट भी बंद कर दिए जाते हैं। ग्रहण के समय में मानसिक ध्यान करना चाहिए। 

    यह भी पढ़ें- शिवजी को बहुत पसंद है रुद्राक्ष, जानिए सावन में इसे कैसे पहनें ताकि मिले भोलेनाथ की कृपा

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।

    comedy show banner
    comedy show banner