AI फोटो रिमूवल में Apple पीछे क्यों? वजह जानकर Android यूजर्स भी करेंगे तारीफ!
आजकल AI फोटो एडिटिंग टूल्स काफी लोकप्रिय हैं। Apple के AI फोटो रिमूवल फीचर की तुलना में Android बेहतर प्रदर्शन करते हैं, क्योंकि Apple अपनी प्राइवेसी पॉलिसी के कारण सभी AI कार्य डिवाइस पर ही करता है, जिससे डेटा सुरक्षित रहता है। जबकि एंड्रॉइड में डेटा सर्वर पर भेजा जाता है, जिससे प्राइवेसी का खतरा होता है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि Apple का यह दृष्टिकोण भविष्य में यूजर्स के लिए फायदेमंद होगा।

AI फोटो रिमूवल में Apple पीछे क्यों? वजह जानकर Android यूजर्स भी करेंगे तारीफ!
टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। इन दिनों AI फोटो एडिटिंग और फोटो से ऑब्जेक्ट/बैकग्राउंड रिमूवल वाले टूल्स काफी ज्यादा पॉपुलर हो रहे हैं। इस बीच, कई लोग सोशल मीडिया पर ये सवाल भी उठा रहे हैं कि एपल के डिवाइस में मिलने वाला AI फोटो रिमूवल फीचर एक सस्ते Android फोन से भी खराब ढंग से काम करता है लेकिन क्या आपको इसके पीछे की वजह मालूम है? आखिर क्यों बाकी फोन्स में ऑब्जेक्ट/बैकग्राउंड रिमूवल वाला फीचर इतना अच्छे से काम करता है जबकि एपल में काफी खराब रिजल्ट देता है। दरअसल इसका मुख्य कारण एपल की प्राइवेसी-फोकस्ड पॉलिसी से जुड़ा हुआ है। चलिए आज इसी बारे में विस्तार से जानते हैं...
क्यों AI फोटो रिमूवल में Apple पीछे?
दरअसल, एपल अपने सभी AI टास्क ऑन-डिवाइस कम्पलीट करता है। इसका मतलब है कि जब भी कोई यूजर फोटो से किसी ऑब्जेक्ट या बैकग्राउंड को रिमूव करने की ट्राई करता है, तो पूरा प्रोसेस उसके iPhone या iPad पर ही कम्पलीट होता है। इससे यूजर की डेटा प्राइवेसी सेफ रहती है। एपल का फोकस शुरुआत से ही प्राइवेसी पर रहा है। कंपनी इस बात का खास ध्यान रखती है कि कहीं यूजर की फोटो या कोई भी निजी जानकारी किसी अन्य कंपनी के सर्वर तक न चली जाए। यही वजह है कि एपल के AI फोटो रिमूवल फीचर में थोड़ी देरी या लिमिटेशन देखने को मिल सकती है।
एंड्रॉइड में ये फीचर क्यों ज्यादा पावरफुल?
दूसरी तरफ एंड्रॉइड प्लेटफॉर्म्स पर कई AI फोटो एडिटिंग ऐप्स और फीचर्स सर्वर-साइड AI प्रोसेसिंग पर डिपेंड करते हैं। आसान शब्दों में कहें तो जब कोई यूजर फोटो एडिट करता है, तो फोटो डेटा इंटरनेट के जरिए किसी अन्य कंपनी के सर्वर पर भेज दिया जाता है, जहां AI एल्गोरिद्म उस फोटो पर प्रोसेसिंग कर रिजल्ट शो करता है। इस प्रोसेस में काम भी काफी जल्दी हो जाता है और फीचर ज्यादा पावरफुल लगता है, लेकिन इसका सबसे बड़ा नुकसान यही है कि यूजर डेटा सर्वर तक जा रहा है, जिससे प्राइवेसी पर खतरा आ सकता है।
क्या कहते हैं टेक एक्सपर्ट्स?
एक्सपर्ट्स का कहना है कि एपल की यह ऑन-डिवाइस AI अप्रोच लॉन्ग टर्म में यूजर्स के लिए काफी फायदेमंद है। हालांकि इसमें टाइम ज्यादा लग सकता है और फीचर अभी उतना अच्छे से वर्क नहीं करता है, लेकिन यूजर डेटा सेफ रहता है। हालांकि एपल लगातार अपने iOS अपडेट्स के जरिए अपने इस AI फीचर को बेहतर कर रहा है। आने वाले कुछ वक्त में यह फीचर और भी दमदार और फास्ट हो सकता है।
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