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    ऑनलाइन मनी गेम्स बैन को मिली पहली कानूनी चुनौती, गेमिंग फर्म A23 ने दायर किया मुकदमा

    भारतीय ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री को बड़ा झटका लगा है। हाल ही में सरकार ने पैसे से खेले जाने वाले ऑनलाइन गेम्स पर बैन लगा दिया। इस फैसले से Dream11 और MPL जैसे बड़े प्लेटफ़ॉर्म को तुरंत अपने मनी गेम्स बंद करने पड़े। अब A23 कंपनी ने इसे गैर-संवैधानिक बताते हुए इस कानून को कर्नाटक हाई कोर्ट में चुनौती दी है। ये इंडस्ट्री के भविष्य पर बड़ा सवाल खड़ा करता है।

    By Saket Singh Baghel Edited By: Saket Singh Baghel Updated: Thu, 28 Aug 2025 08:02 PM (IST)
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    ऑनलाइन गेमिंग बिल को कोर्ट में चुनौती दी गई है।

     टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय गेमिंग कंपनी A23 ने सरकार के ऑनलाइन मनी-बेस्ड गेम्स पर लगाए गए बैन को कोर्ट में चुनौती दी है। लीगल फाइलिंग से ये जानकारी सामने आई है। ये पहला मामला है, जिसमें एक ऐसे कानून के खिलाफ मुकदमा दायर किया गया है, जिसने अचानक पॉपुलर कॉन्टेस्ट को बंद कर दिया और पूरी इंडस्ट्री के भविष्य पर सवाल खड़े कर दिए।

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    न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने पिछले हफ्ते एक कानून लाया। इसमें ऐसे गेम्स पर बैन लगाया गया है। जबकि इंडस्ट्री का कहना है कि ये गेम्स स्किल पर बेस्ड हैं, इसलिए इन्हें जुआ नहीं कहा जा सकता। भारत में पहले से ही जुआ काफी सख्ती से नियंत्रित है।

    ये कानून इंडस्ट्री के लिए झटका है। इसमें Tiger Global और Peak XV Partners जैसे वेंचर कैपिटल फर्म्स का निवेश है। इंडस्ट्री का अनुमान है कि ये सेक्टर 2029 तक भारत में 3.6 बिलियन डॉलर का हो सकता था।

    कर्नाटक हाई कोर्ट में फाइलिंग में A23 ने कहा कि कंपनी रम्मी (Rummy) और (Poker) गेम्स ऑफर करती है। उन्होंने कहा कि ये कानून, 'स्किल बेस्ड ऑनलाइन गेम खेलने के वैध कारोबार को अपराध बनाता है। इसका नतीजा होगा कि कई गेमिंग कंपनियां रातोंरात बंद हो जाएंगी।'

    A23 ने अपनी फाइलिंग में कहा कि ये कानून 'राज्य पितृसत्तावाद का उत्पाद' है। कंपनी ने कोर्ट से मांग की है कि रम्मी और पोकर जैसे स्किल गेम्स पर लागू होने पर इसे असंवैधानिक घोषित किया जाए। ये फाइलिंग 28 अगस्त को की गई थी। ये पब्लिक नहीं है, लेकिन रॉयटर्स ने इसे रिव्यू किया। भारत के IT मंत्रालय ने इस पर तुरंत कोई जवाब नहीं दिया।

    A23.com खुद को एक ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म बताता है। इसके 70 मिलियन से ज्यादा प्लेयर्स हैं। भारतीय क्रिकेटर्स के एंडोर्समेंट और मार्केटिंग कैंपेन से Dream11 और Mobile Premier League (MPL) जैसे ऐप्स की पॉपुलैरिटी बढ़ी। इनमें लोग वर्चुअल क्रिकेट टीम बनाते हैं। ये टीमें रियल प्लेयर्स पर आधारित होती हैं। रन, विकेट और कैच पर पॉइंट मिलते हैं। बैन के बाद दोनों ऐप्स ने अपने मनी गेम्स बंद कर दिए हैं।

    MPL ने तय किया है कि वह इस गेमिंग कानून के खिलाफ लीगल चैलेंज नहीं करेगा। कंपनी ने इंडस्ट्री बॉडीज को भी सलाह दी कि वे फ्री-टू-प्ले बिजनेस मॉडल पर ध्यान दें। ये जानकारी कंपनी के एक सीनियर सोर्स ने रॉयटर्स को दी। सोर्स ने नाम नहीं बताने को कहा, क्योंकि उन्हें पब्लिकली बोलने की इजाज़त नहीं थी।

    Dream11 भी इस कानून को चैलेंज नहीं करेगा। हालांकि इसके CEO हर्ष जैन ने CNBC TV 18 को बताया कि 'हमारी ग्रुप की 95 प्रतिशत इनकम रातोंरात खत्म हो गई है।' MPL ने रॉयटर्स के सवालों का जवाब नहीं दिया। जबकि Dream11 ने कहा कि वह 'AI और क्रिएटर इकॉनमी से एक ग्रेट इंडियन स्पोर्ट्स कंपनी बनाने की योजना' पर काम करेगा।

    मोदी सरकार ने मनी-बेस्ड गेम्पस पर बार-बार अपनी नाखुशी जाहिर की है और कहा है कि ये लत का कारण बनते हैं। पिछले हफ्ते इस कानून की घोषणा करते हुए, सरकार ने कहा कि 'सामाजिक बुराइयों' के खिलाफ कार्रवाई करना उनका कर्तव्य है।

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