Google DeepMind के CEO ने AI की इस बड़ी कमजोरी को लेकर दी चेतावनी, कहा...
Google DeepMind के CEO डेमिस हसाबिस ने AI की सबसे बड़ी कमजोरी 'इनकंसिस्टेंसी' पर चेतावनी दी है। उनका कहना है कि आज के सबसे एडवांस्ड AI सिस्टम्स कठिन मैथ कॉम्पिटीशन्स जीत सकते हैं, लेकिन छोटी-छोटी स्कूली गलतियां करते हैं। उन्होंने कहा कि इस कमी को दूर किए बिना असली AGI तक पहुंचना मुश्किल रहेगा।

Google DeepMind के CEO ने AI की इस कमजोरी को लेकर चेतावनी दी है।
टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। Google DeepMind के CEO डेमिस हसाबिस ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की एक बड़ी कमी- 'अस्थिरता' पर चेतावनी दी है। उन्होंने 'Google for Developers' पॉडकास्ट में बताया कि आज के सबसे एडवांस्ड AI सिस्टम्स इंटरनेशनल मैथेमेटिकल ओलंपियाड जैसी मुश्किल प्रतियोगिताएं जीत सकते हैं, लेकिन फिर भी बेसिक स्कूल लेवल के सवालों में फेल हो जाते हैं। ये एक ऐसी कमजोरी है, जिसे AGI (आर्टिफिशियल जनरल इंटेलिजेंस) आने से पहले ठीक करना जरूरी है।
हसाबिस ने कहा, 'सिस्टम में इतनी आसान गलती नहीं होनी चाहिए कि कोई भी आम व्यक्ति उसे तुरंत पकड़ ले।' उन्होंने बताया कि Google के Gemini मॉडल्स, जिनमें DeepThink टेक्नोलॉजी जोड़ी गई है, गोल्ड मेडल जीतने लायक हैं लेकिन 'फिर भी हाई स्कूल मैथ्स में छोटी गलतियां करते हैं।'
AI का 'जुगाड़ इंटेलिजेस' इश्यू AGI टाइमलाइन के लिए खतरा
हसाबिस ने मौजूदा AI को 'अनइवन' या 'जुगाड़ इंटेलिजेंस' बताया - यानी कुछ कामों में बेहद शानदार परफॉर्मेंस, लेकिन दूसरे में कमजोरियां। ये वही विचार है जिसे Google के CEO सुंदर पिचाई ने पहले 'AJI' (आर्टिफिशियल जैग्ड इंटेलिजेंस) कहा था- यानी ऐसा इंटेलिजेंस जिसमें क्षमताएं बराबर नहीं होतीं।
DeepMind चीफ ने कहा कि इस असंगति (इनकंसिस्टेंसी) को दूर करने के लिए सिर्फ डेटा या कंप्यूटिंग पावर बढ़ाना काफी नहीं है। उन्होंने समझाया, 'अब भी रीजनिंग, प्लानिंग और मेमोरी जैसी क्षमताओं की कमी है'। उन्होंने कहा कि इस चुनौती को समझने के लिए बेहतर टेस्टिंग मेथड और 'नए, कठिन बेंचमार्क' जरूरी हैं जो AI की ताकत और कमजोरियों को सही तरह से माप सकें।
टेक कंपनियां अब भी असली AGI से सालों दूर
हसाबिस ने अप्रैल में भविष्यवाणी की थी कि 'अगले पांच से दस सालों' में AGI आ सकता है, लेकिन अब वे मानते हैं कि अभी कई बड़ी चुनौतियां बाकी हैं। उनकी ये चिंता OpenAI के CEO सैम ऑल्टमैन के हालिया बयान से भी मेल खाती है - जिन्होंने GPT-5 लॉन्च के बाद कहा था कि ये मॉडल अभी कंटीन्यूअस लर्निंग की क्षमता नहीं रखता, जो असली AGI के लिए जरूरी है।
इन चेतावनियों से ये साफ होता है कि AI लीडर्स मानते हैं- मौजूदा सिस्टम्स की हैलूसिनेशन, मिस इंफॉर्मेशन और बेसिक गलती जैसी कमजोरियां खत्म किए बिना असली ह्यूमन-लेवल रीजनिंग तक पहुंचना संभव नहीं। ये ठीक वैसा ही चेतावनी संकेत है जैसा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स ने शुरुआती दौर में अनदेखा किया था और बाद में बड़े परिणाम झेले।
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