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    मुश्किल जगहों पर भी मिलेगा हाई-स्पीड इंटरनेट, Starlink से जुड़ने वाला पहला राज्य बनेगा महाराष्ट्र; जानें 5 बड़ी बातें

    Updated: Thu, 06 Nov 2025 03:00 PM (IST)

    महाराष्ट्र सरकार ने स्टारलिंक सैटेलाइट कम्युनिकेशन्स के साथ एक बड़ा कदम उठाते हुए सैटेलाइट-बेस्ड इंटरनेट सेवाएं लाने के लिए लेटर ऑफ इंटेंट (LoI) साइन किया है। ये भारत में इस तरह की पहली साझेदारी है। कंपनी राज्य के ग्रामीण और दूरस्थ इलाकों में सरकारी संस्थानों और पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर को इंटरनेट से जोड़ेगी। 

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    महाराष्ट्र Starlink के साथ साझेदारी करने वाला भारत का पहला राज्य बना। Photo- Gemini AI.

    टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। महाराष्ट्र सरकार और स्टारलिंक सैटेलाइट कम्युनिकेशन्स ने बुधवार को लेटर ऑफ इंटेंट (LoI) साइन किया, जो भारत में सैटेलाइट-बेस्ड इंटरनेट सेवा लाने की दिशा में पहला कदम है। ये साझेदारी आधिकारिक रूप से तब लागू होगी जब SpaceX की इस सब्सिडियरी को दूरसंचार विभाग (DoT) और भारत सरकार से नियामक मंजूरी मिल जाएगी। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि कंपनी राज्य के सरकारी संस्थानों, ग्रामीण समुदायों और महत्वपूर्ण सार्वजनिक ढांचे को दूरदराज और पिछड़े इलाकों में इंटरनेट कनेक्टिविटी से जोड़ेगी।

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    महाराष्ट्र बना भारत का पहला राज्य जिसने Starlink के साथ साझेदारी की

    X (पहले Twitter) पर पोस्ट करते हुए फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र स्टारलिंक सैटेलाइट कम्युनिकेशन्स प्राइवेट लिमिटेड के साथ औपचारिक LoI साइन करने वाला भारत का पहला राज्य बन गया है। ये एग्रीमेंट पूरे राज्य में सैटेलाइट-बेस्ड इंटरनेट कनेक्टिविटी शुरू करने के उद्देश्य से किया गया है। 5 नवंबर को मुंबई में Starlink की वाइस प्रेसिडेंट लॉरेन ड्रेयर ने राज्य के अधिकारियों से मुलाकात की और इस साझेदारी पर साइन किया। ये कोलैबोरेशन महाराष्ट्र में डिजिटल एक्सेस को मजबूत करने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है।

    दूरदराज जिलों में कनेक्टिविटी पर फोकस

    राज्य सरकार ने घोषणा की कि Starlink की सेवाएं सरकारी संस्थानों, ग्रामीण इलाकों और अहम पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर में शुरू की जाएंगी। गढ़चिरोली, नंदुरबार, धाराशिव (पहले उस्मानाबाद) और वाशिम जैसे जिले, जिन्हें दूरस्थ या अंडरसर्व्ड कैटेगरी में रखा गया है, पहले फेज में कनेक्टिविटी पाएंगे। सैटेलाइट इंटरनेट उन इलाकों के लिए बेहतर सॉल्यूशन माना जा रहा है जहां भौगोलिक परिस्थितियों और कम जनसंख्या घनत्व की वजह से फाइबर नेटवर्क पहुंचाना मुश्किल होता है।

    महाराष्ट्र के डिजिटल पुश का हिस्सा

    फडणवीस ने कहा कि ये पहल राज्य के 'डिजिटल महाराष्ट्र' मिशन से जुड़ी है, जो डिजिटल सशक्तिकरण और लास्ट-माइल कनेक्टिविटी पर फोकस करती है। ये साझेदारी इलेक्ट्रिक मोबिलिटी इंफ्रास्ट्रक्चर, कोस्टल डेवलपमेंट प्रोग्राम्स और डिजास्टर मैनेजमेंट सिस्टम्स जैसे दूसरे सरकारी प्रोजेक्ट्स के साथ भी इंटीग्रेट की जाएगी, जहां नॉन-स्टॉप कनेक्टिविटी जरूरी मानी जाती है।

    भारत में Starlink की एंट्री को मिला बूस्ट

    Elon Musk की SpaceX की सब्सिडियरी Starlink लो-अर्थ ऑर्बिट में दुनिया की सबसे बड़ी सैटेलाइट कम्युनिकेशन नेटवर्क चलाती है। Space.com के मुताबिक, अक्टूबर तक लगभग 8,811 स्टारलिंक सैटेलाइट ऑर्बिट में थे, जिनमें से 8,795 एक्टिव थे। कंपनी जनवरी 2025 से भारत में कमर्शियल सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सर्विस शुरू करने के लिए रेग्युलेटरी अप्रूवल का इंतजार कर रही है। भारत के इंटरनेट इंफ्रास्ट्रक्चर में फिलहाल मोबाइल और फाइबर नेटवर्क का दबदबा है, ऐसे में सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर की एंट्री एक बड़ा मील का पत्थर साबित होगी।

    राष्ट्रीय डिजिटल समावेशन में योगदान

    सीएम फडणवीस ने बताया कि ये कोलैबोरेशन केंद्र सरकार के 'डिजिटल इंडिया' मिशन को सपोर्ट करता है, जिसका लक्ष्य देशभर में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और इंटरनेट एक्सेस को बेहतर बनाना है। अगर ये प्रोजेक्ट सफल रहा तो ये दूसरे राज्यों के लिए भी एक मॉडल बन सकता है जो अपने दूरदराज़ इलाकों में कनेक्टिविटी की कमी दूर करना चाहते हैं। भारत में सैटेलाइट कनेक्टिविटी को अब डिजिटल डिवाइड खत्म करने की दिशा में एक बड़े प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।

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