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    UPI के लिए 1 अगस्त से लागू होंगे नए नियम, GPay, PhonePe, Paytm यूजर्स को दिखेंगे ये बदलाव

    UPI New Rule 1 अगस्त 2025 से UPI के नए नियम लागू होंगे। अगर आप रोज Paytm PhonePe GPay या किसी और UPI ऐप से पेमेंट करते हैं इन बदलावों के बारे में आपको जानना जरूरी है। UPI सिस्टम को मैनेज करने वाली NPCI ने ये लिमिट्स इसीलिए तय की हैं ताकि सिस्टम पर दबाव कम हो और ट्रांजैक्शन फेल या डिले जैसी मेजर दिक्कतें घटें।

    By Saket Singh Baghel Edited By: Saket Singh Baghel Updated: Fri, 25 Jul 2025 08:00 AM (IST)
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    1 अगस्त से UPI के नए नियम लागू होने वाले हैं।

     टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। 1 अगस्त 2025 से UPI से जुड़े नए नियम लागू हो रहे हैं। अगर आप रोज Paytm, PhonePe, GPay या किसी और UPI ऐप से पेमेंट करते हैं, तो ये बदलाव आपके लिए जरूरी हैं। UPI सिस्टम को मैनेज करने वाली नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने ये लिमिट्स इसीलिए तय की हैं ताकि सिस्टम पर दबाव कम हो और ट्रांजैक्शन फेल या डिले जैसी दिक्कतें घटें। ये बदलाव जरूरी ट्रांजैक्शन्स को प्रभावित नहीं करेंगे, लेकिन बैलेंस चेक, स्टेटस रीफ्रेश जैसी चीजों पर लिमिट जरूर लगाई जा रही है। NPCI का कहना है कि इससे UPI ज्यादा स्मूद और भरोसेमंद बनेगा, खासतौर पर उस वक्त जब ज्यादा लोग एक साथ ट्रांजैक्शन करते हैं।

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    1 अगस्त से UPI पर क्या नई लिमिट्स लगेंगी?

    अगले महीने से UPI यूजर्स सिर्फ 50 बार ही अपना अकाउंट बैलेंस चेक कर पाएंगे। इसके अलावा, जो यूजर्स अपने मोबाइल नंबर से लिंक बैंक अकाउंट्स को बार-बार चेक करते हैं, वो भी अब सिर्फ 25 बार ही ऐसा कर सकेंगे। ये लिमिट्स इसीलिए लाई गई हैं ताकि बिना जरूरत के सिस्टम पर लोड ना पड़े, जिससे अक्सर स्पीड स्लो हो जाती है या ट्रांज़ैक्शन फेल हो जाते हैं।

    क्या AutoPay पर भी कोई असर पड़ेगा?

    हां, NPCI अब UPI AutoPay ट्रांजैक्शन के लिए फिक्स टाइम स्लॉट ला रहा है। इसका मतलब ये हुआ कि सब्सक्रिप्शन, EMI, बिजली-पानी के बिल जैसी Scheduled Payments अब दिनभर बेतरतीब तरीके से नहीं होंगी, बल्कि तय समय पर ही प्रोसेस की जाएंगी। ये टेक्निकल चेंज जरूर है, लेकिन इससे सिस्टम पर भीड़ कम होगी और स्पीड में सुधार मिलेगा।

    क्या हर UPI यूजर पर असर पड़ेगा?

    संक्षेप में कहें तो हां। चाहे आप दिन में एक बार UPI यूज करते हों या 20 बार, ये लिमिट्स सब पर लागू होंगी। हालांकि, अगर आप बार-बार बैलेंस या स्टेटस चेक नहीं करते, तो आपके लिए कोई बड़ी परेशानी नहीं होगी। ये बदलाव असल में उन हेवी यूजर्स को ध्यान में रखकर किए गए हैं जो जाने-अनजाने सिस्टम पर ज्यादा लोड डालते हैं।

    क्या ट्रांजैक्शन अमाउंट की लिमिट बदली है?

    नहीं। पेमेंट लिमिट पहले जैसी ही रहेगी- ज्यादातर मामलों में प्रति ट्रांजैक्शन 1 लाख रुपये तक और हेल्थकेयर या एजुकेशन जैसे कुछ केटेगरीज में 5 लाख तक रुपये। 1 अगस्त के अपडेट से इन लिमिट्स में कोई बदलाव नहीं होगा।

    अक्सर पूछे जाने वाले सवाल:

    क्या यूजर्स को कुछ करना होगा?

    नहीं, आपको कुछ भी करने की जरूरत नहीं है। ये नए नियम आपके UPI ऐप्स के ज़रिए ऑटोमैटिक लागू हो जाएंगे। बस लिमिट्स का ध्यान रखें ताकि दिन में ट्रांजैक्शन ब्लॉक जैसी परेशानी ना हो।

    क्या मर्चेंट्स और बिलर्स पर असर पड़ेगा?

    हां, थोड़ा बहुत। अब AutoPay ट्रांज़ैक्शन्स तय टाइम स्लॉट में ही होंगे, इसलिए जो बिजनेस UPI से ऑटोमेटिक कलेक्शन करते हैं, उन्हें अपने टाइमिंग्स के साथ ट्यून करना होगा। लेकिन ज्यादातर यूज़र्स के लिए- चाहे वो मोबाइल रिचार्ज हो या Netflix जैसी सब्सक्रिप्शन- सब कुछ पहले जैसा ही चलेगा।

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