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    दिल्ली में ज्वेलरी बाजार में धनतेरस को होगी 15 हजार करोड़ की धनवर्षा, निवेश के लिहाज से बुलियन की खरीद ज्यादा

    Updated: Sat, 18 Oct 2025 06:50 AM (IST)

    इस धनतेरस पर दिल्ली के ज्वैलरी बाजार में 12 से 15 हजार करोड़ रुपये का कारोबार होने का अनुमान है। सोने और चांदी की कीमतों में तेजी के कारण लोग निवेश के लिए बुलियन (सोने की छड़ें, सिल्ली और सिक्के) ज्यादा खरीद रहे हैं। भविष्य में कीमतों में और वृद्धि की आशंका के चलते लोग शादियों के लिए हल्के गहने भी बनवा रहे हैं। इस बार मेकिंग चार्ज पर छूट भी कम मिल रही है।

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    धनतेरस को लेकर दिल्ली के ज्वेलरी बाजार में बढ़ी रौनक।

    नेमिष हेमंत, नई दिल्ली। सोने-चांदी के दाम में रिकार्ड तेजी के बाद भी इस धनतेरस दिल्ली के ज्वैलरी बाजारों में 12 से 15 हजार करोड़ रुपये की धनवर्षा का अनुमान है। बाजार के जानकारों के अनुसार, सोने व चांदी के दामों में लंबे समय से तेजी बरकार है। इसलिए इस बार निवेश के लिहाज से खरीदारी का नया पैटर्न देखा जा रहा है। जिसमें बुलियन (कीमती रा धातु, जिसमें छड़े, सिल्ली व सिक्के आते हैं) की मांग प्रमुख है। जिसके चलते बुलियन चांदी की सिल्ली की उपलब्धता में थोड़ी किल्लत भी बरकरार है।

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    धनतेरस पर सोने-चांदी की खरीदारी को शुभ माना जाता है। इसलिए लोग बुलियन की खरीदारी के साथ ही भविष्य की जरूरत के मद्देनजर ज्वैलरी की भी खरीदारी कर रहे हैं। जिससे इस बार धनतेरस पर ज्वैलरी बाजार खूब चमक बिखेर रहा है।
    ज्वेलर्स के अनुसार, धनतेरस के साथ ही दीपावली पर बुलियन व ज्वेलरी की मांग बरकरार है। जिससे ज्वेलरी बाजार में पिछले वर्ष के मुकाबले बिक्री में 30 से 50 प्रतिशत तक की वृद्धि का अनुमान है। पिछले वर्ष आठ से 10 हजार करोड़ रुपये का कारोबार हुआ था।

    चांदनी चौक के दरीबा कलां व कूचा महाजनी के साथ ही नई दिल्ली में करोलबाग बुलियन व गहनों की बिक्री का थोक बाजार है। आल बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेश सिंघल के अनुसार, इस बार लोग भविष्य की जरूरत के हिसाब से बुलियन व ज्वैलरी की खरीद को प्रमुखता दे रहे हैं। क्योंकि, जिस तरह से पिछले कुछ माह में सोने-चांदी के दाम में तेजी देखने को मिली है। उसमें आशंका यह बनी हुई है कि सोने-चांदी के दाम में भविष्य में और अधिक हो सकते हैं।

    शुक्रवार को दिल्ली में प्रति 10 ग्राम सोना (24 कैरेट) एक लाख 30 हजार से अधिक रहा है। जबकि, ठीक एक वर्ष पूर्व 93 हजार प्रति 10 ग्राम था। यहीं हाल चांदी का है। चांदी का दाम 1,850 रुपये प्रति 10 ग्राम रहा तो एक वर्ष पूर्व यह 950 रुपये प्रति 10 ग्राम के करीब था। ऐसे में लाेग भविष्य में व निकट में शादियों के मद्देनजर ज्वेलरी बनवा रहे हैं। उसमें भी हल्के ज्वेलरी की मांग है। इसी तरह, बुलियन में निवेश है।

    वहीं, दरीबा ज्वैलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष तरुण गुप्ता के अनुसार, धनतेरस में मांग में पहले नंबर पर सोने की छड़े , दूसरे पर सिक्के तथा ज्वेलरी की मांग तीसरे नंबर पर आ गई है। 

    छूट व उपहार की पेशकश हुई कम

    इस बार दाम में तेजी के चलते मेकिंग चार्ज में बमुश्किल पांच से 10 प्रतिशत की छूट मिल रही है। इसी तरह, 25 प्रतिशत की छूट हीरे के गहनों पर है। जबकि, पिछले वर्ष मेकिंग चार्ज में 20 से 50 प्रतिशत दी थी।

    दाम बढ़े तो हल्के गहनों की मांग अधिक

    दाम में तेजी के चलते हल्के और आकर्षक डिजाइन के ज्वेलरी की मांग है। खासकर अंगूठी, हार, चूड़ी, झूमके, पोलकी में नया ट्रेंड देखने को मिल रहा है। इसी तरह नाम और राशि वाले लाकेट का चलन बरकरार है। आकर्षक ज्वेलरी में प्लेटिनम और रोज गोल्ड की मांग भी हो रही है। जबकि सोने व चांदी के सिक्के-नोट, मूर्तियां, बर्तन समेत अन्य की मांग भी यथावत है।