PM और होम मिनिस्टर के नाम से डराने की कोशिश, आगरा में IT रेड से बचाने को जूता निर्यातक से मांगे 5 करोड़
आगरा में एक जूता कारोबारी को आयकर विभाग की रेड का डर दिखाकर पांच करोड़ रुपये की चौथ वसूली का मामला सामने आया है। जालसाजों ने कारोबारी को धमकी भरी चिट्ठी भेजी। पुलिस ने तीन संदिग्धों को हिरासत में लिया है और अन्य आरोपितों की तलाश जारी है। पुलिस को किसी परिचित के शामिल होने की आशंका है। चिट्ठी में प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के नाम का भी इस्तेमाल किया गया था।

सिकंदरा पुलिस स्टेशन आगरा। एक्स हैंडल से ली तस्वीर।
जागरण संवाददाता, आगरा। जालसाजों ने शहर के प्रमुख जूता कारोबारी को आयकर विभाग की रेड का डर दिखाया। रेड रुकवाने के एवज में आयकर विभाग के अधिकारी के नाम पर पांच करोड़ रुपये की भारी भरकम धनराशि मांगी गई। कारोबारी की फैक्ट्री में पांच पन्नों की चिट्ठी और आयकर विभाग की फर्जी फाइल के पन्नों की फोटो प्रति भेजी गई।
पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने जाल बिछाकर तीन आरोपितों को दबोच लिया। सरगना सहित अन्य आरोपितों की तलाश में पुलिस टीमें जुटी हुई हैं। जूता कारोबारी के मैनेजर की तहरीर पर अज्ञात के खिलाफ चौथ वसूली का मुकदमा दर्ज किया गया है।
आयकर अधिकारी के नाम पर मांगी रकम, चौथ वसूली का मुकदमा
प्रमुख जूता कारोबारी व फुटवियर, चमड़ा उद्योग विकास परिषद चेयरमैन पूरन डावर की फैक्ट्री में 10 अक्टूबर को उनके बेटे संभव डावर के नाम पर एक चिट्ठी भेजी गई। चिट्ठी भेजने वाले ने खुद को पूरन डावर का शुभचिंतक बताया। पत्र में लिखा कि आयकर विभाग के पास डावर ग्रुप आफ इंडस्ट्रीज से जुड़ी संपत्ति, एनजीओ आदि के साथ ही दो नंबर की संपत्ति के बारे में संवेदनशील जानकारी है।
सिकंदरा पुलिस तीन संदिग्धों को हिरासत में लेकर कर रही पूछताछ
आयकर विभाग में परिचित अधिकारी के साथ चाय पीने के दौरान होने वाली आयकर रेड की जानकारी हुई। रेड रोकने के लिए रेड कमिश्नर के नाम पर पांच करोड़ रुपये की मांग की गई। रुपये किस तरह और कब देने हैं इसका भी जिक्र किया गया। चिट्ठी मिलने के बाद पूरन डावर ने मामले की जानकारी पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार को दी। इसके बाद पुलिस टीमें सक्रिय हो गईं। पुलिस ने तीन आरोपितों को दबोच लिया है।
इंस्पेक्टर सिकंदरा प्रदीप कुमार त्रिपाठी ने बताया कि पूरन डावर की कंपनी के मैनेजर राजीव मिश्रा की तहरीर पर अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। जल्द ही साजिशकर्ता व उसके साथियों को गिरफ्तार किया जाएगा।
सादा कपड़ों में रुपये देने पहुंचे पुलिसकर्मी
भेजी गई चिट्ठी के साथ एक पर्ची दी गई थी। चिट्ठी में लिखा गया था कि रुपये दो कार्टून में रखकर 12 अक्टूबर को दोपहर दो बजे गुरुद्वारा गुरु का ताल के सामने स्थित चाय की दुकान पर दे देना। सादा कपड़ों में पुलिसकर्मियों ने 12 अक्टूबर को दो कार्टून में पुरानी काफी-किताबें पैक की और बताए अनुसार चाय की दुकान पर पहुंच गए। दुकानदार को दोनों कार्टून देने के साथ ही चिट्ठी के साथ मिली पर्ची दिखाई। चाय विक्रेता के अलावा वहां मौजूद दो साजिशकर्ता पुलिस के जाल में फंस गए। पुलिस ने तीनों को दबोच लिया।
किसी परिचित के शामिल होने की आशंका
ठगी की योजना बनाने वाले गिरोह में किसी पूरन डावर के किसी परिचित या कर्मचारी के शामिल होने की आशंका से पुलिस इन्कार नहीं कर रही है। पुलिस का कहना है कि जिस तरह से चिट्ठी लिखी गई है, वह किसी पढ़े-लिखे व्यक्ति का काम है। पूरन डावर की कंपनी के बारे में जिस तरह से जानकारी होने का जिक्र किया गया है। इससे किसी जानकारी के शामिल होने की आशंका है। जांच के बाद सभी तथ्य सामने आएंगे।
प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के नाम से डराने की कोशिश
चिट्ठी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृह मंत्री अमित शाह का नाम लिखकर जूता कारोबारी को डराने की कोशिश की गई है। चिट्ठी में लिखा है कि किसी जुगाड़ के चक्कर में मत पढ़ना। क्यों कि आयकर कमिश्नर को कोई खरीद नहीं सकता है। कमिश्नर साहब के दो भाई हैं, एक पीएमओ में हैं, दूसरे आइआरएस हैं। मोदी-शाह के सारे काले कारनामे गुजरात से लेकर दिल्ली तक इनकी जेब में हैं। प्रधानमंत्री मोदी भी सिफारिश के लिए आयकर कमिश्नर को फोन नहीं कर सकते हैं।
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