आर्मी वर्कशॉप बना रहा 500 मेगावाट क्रायोकूलर, ड्रोन की पहचान के साथ मार गिराना आसान करेगा
आगरा में, 509 आर्मीबेस वर्कशॉप ड्रोन की पहचान और उन्हें मार गिराने की तकनीक पर काम कर रहा है। हाल ही में, डीजी ईएमई लेफ्टिनेंट जनरल राजीव साहनी ने वर्कशॉप का दौरा किया। वर्कशॉप 500 मेगावाट क्रायोकूलर का निर्माण कर रहा है, जिससे थर्मल इमेजरों की क्षमता बढ़ेगी। इसके अतिरिक्त, हथियारों का पता लगाने वाले रडार और दूरसंचार को भी बेहतर बनाया जा रहा है।

जागरण संवाददाता, आगरा। सैन्य क्षेत्र या फिर उसके आसपास ड्रोन का प्रयोग आसानी से पकड़ा जा सकेगा। ड्रोन की पहचान के साथ ही उसे मार गिराना आसान होगा। 509 आर्मीबेस वर्कशाप मानव रहित हवाई प्रणाली के विनिर्माण पर विशेष ध्यान दे रहा है।
साथ ही रात में थर्मल इमेज के कैमरों को भी बेहतर बनाया जा रहा है। हाल ही में महानिदेशक इलेक्ट्रानिक्स एंड मैकेनिकल इंजीनियर कोर (डीजी ईएमई) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव साहनी ने आर्मीबेस वर्कशाप का निरीक्षण किया। उन्होंने इंजीनियरों से मुलाकात की और अधिकारियों के साथ बैठक की।
ग्वालियर रोड स्थित 509 आर्मीबेस वर्कशाप भारतीय सेना का एक कारखाना है। हथियार प्रणाली व उपकरणों की मरम्मत की जाती है। वर्कशाप की उत्पादन क्षमता को बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। जिसे देखते हुए हाल ही में ले. जनरल राजीव साहनी ने वर्कशाप का निरीक्षण किया।
वर्कशाप में 500 मेगावाट क्रायोकूलर का निर्माण जिसमें उच्च परिशुद्धता एकीकरण और परीक्षण को शामिल किया गया है। इसके निर्माण से चार प्रकार के थर्मल इमेजरों का स्थायित्व बढ़ेगा। यह क्रायोकूलर किसी भी थर्मल इमेजर की महत्वपूर्ण उप संयोजन है।
नवीन मरम्मत और उच्चस्तर के कौशल का उपयोग करके परिचालन की दृष्टि से हथियारों का पता लगाने वाले रडार को भी शामिल किया गया है। इसके साथ ही अत्याधुनिक दूर संचार पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। ले. जनरल ने दो से तीन घंटे तक वर्कशाप का निरीक्षण किया और इंजीनियरों से बात भी की।

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